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'दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं चाचा', अखिलेश का ISI वाले बयान पर शिवपाल को जवाब

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव पर यशवंत सिन्हा को निशाना बनाने के लिए भाजपा के 'निर्देशों' पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'दिल्ली से (भाजपा द्वारा) एक 'इशारा' (डायरेक्शन) था.

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अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव पर पलटवार किया है.
अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव पर पलटवार किया है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अखिलेश ने चाचा शिवपाल पर बोला हमला
  • बीजेपी के इशारे पर बोलने का आरोप लगाया

राष्ट्रपति चुनाव के बीच मुलायम परिवार में एक बार फिर तेजी से खटास बढ़ती देखी जा रही है. शिवपाल यादव की खुली चिट्ठी और 'नेताजी के अपमान' पर बयानबाजी के बाद अब अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. अखिलेश ने मंगलवार को साफ कहा है कि चाचा (शिवपाल) दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं. उन्हें दिल्ली से निर्देश मिल रहे हैं.

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बता दें कि शिवपाल यादव ने राष्ट्रपति चुनाव में सपा के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का विरोध किया था. उन्होंने इस संबंध में अखिलेश को खुला खत लिखा था. इसमें अखिलेश को पुराना वाक्या याद दिलाया और कहा था कि यशवंत सिन्हा ने एक समय मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट कहकर संबोधित किया था. ऐसे में सिन्हा को समर्थन देने से पहले पुनर्विचार किया जाना चाहिए. 

दिल्ली से इशारा मिलने पर चाचा काम कर रहे

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव पर यशवंत सिन्हा को निशाना बनाने के लिए भाजपा के 'निर्देशों' पर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'दिल्ली से (भाजपा द्वारा) एक 'इशारा' (डायरेक्शन) था, जिसके बाद एक उपमुख्यमंत्री ने एक अखबार के पुराने आर्टिकल को ट्वीट किया, जिसमें मुलायम पर सिन्हा की 'आईएसआई एजेंट' की टिप्पणी के बारे में लिखा गया था. उसके बाद इसे (शिवपाल यादव द्वारा) प्रसारित किया गया.'

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भगवा पार्टी की भाषा याद करें चाचा

अखिलेश ने अपने चाचा पर पलटवार किया और उन्हें भगवा पार्टी द्वारा 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) और सपा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के बारे में याद दिलाया. अखिलेश ने कहा- 'चाचा (शिवपाल यादव) को हाल के यूपी चुनावों के दौरान भाजपा की भाषा को याद करना चाहिए. भाजपा की भाषा हमेशा नेताजी और समाजवादी के प्रति खराब रही है.'

पक्का समाजवादी नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में अखिलेश विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं, जबकि सपा के टिकट पर विधायक चुने गए शिवपाल ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने विधानसभा में आए शिवपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा- 'एक पक्का समाजवादी कभी नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. ISI का एजेंट कहने वाले को वोट भी नहीं देगा.

नेताजी ने हमेशा आतंकवाद खत्म करने पर समर्थन दिया

उन्होंने आगे कहा कि वह एक समर्थक के तौर पर नेताजी के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कभी समर्थन नहीं करेंगे. यशवंत सिन्हा ने नेताजी के खिलाफ आरोप लगाए थे जब वह रक्षा मंत्री थे. तब पाकिस्तान भारत पर हमला करने की कोशिश कर रहा था. उस समय नेताजी ने कहा था कि यदि युद्ध छिड़ जाता है, यह भारत की धरती पर नहीं बल्कि दुश्मन की धरती पर लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि 'लोकसभा सांसद के रूप में नेताजी ने हमेशा सरकार से आतंकवाद को खत्म करने की कोशिश की. और (ऐसा करने में) अपना समर्थन दिया.

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मुलायम ने दिल्ली में वोट डाला

वहीं, अखिलेश और शिवपाल में तनातनी के बीच सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को संसद में वोट डाला. मुलायम सिंह मैनपुरी सीट से सांसद हैं. मुलायम बीमार चल रहे हैं. वे दिल्ली में अपने वोट का प्रयोग करने के लिए व्हीलचेयर पर आए. हालांकि, देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उनकी वोट के लिए पसंद साफ नहीं हो सकी है.

6 साल से चाचा-भतीजे में तनातनी

अखिलेश और शिवपाल 2016 में अलग होने के बाद फरवरी-मार्च उत्तर प्रदेश के चुनावों में एक साथ आए थे. हालांकि, सपा की हार के बाद फिर से दोनों के रास्ते अलग हो गए. अब बयानबाजी ने एक बार फिर माहौल को गरमा दिया है.

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