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केजरीवाल के समर्थन में अखिलेश यादव, दिल्ली के अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने दिल्ली के अध्यादेश को लेकर ट्वीट किया, 'दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है. ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी.' अखिलेश ने कहा, भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है. अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है.

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दिल्ली के अध्यादेश को पर अखिलेश यादव ने केजरीवाल का किया समर्थन
दिल्ली के अध्यादेश को पर अखिलेश यादव ने केजरीवाल का किया समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश को लेकर AAP और भाजपा के बीच जुबानी जंग जारी है. ऐसे में रविवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर केजरीवाल से मुलाकात की थी और केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध किया था. इसके बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश ने केंद्र के इस अध्यादेश को अलोकतांत्रिक बताया.  

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अखिलेश ने ट्वीट किया, 'दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है. ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी.'

अखिलेश यादव का ट्वीट

अखिलेश के मुताबिक, भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है. अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है.

नीतीश ने केजरीवाल का किया समर्थन

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने केजरीवाल को अपना समर्थन दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि चुनी हुई सरकार को जो अधिकार अदालत ने दिए हैं उसके खिलाफ केंद्र सरकार गैर कानूनी काम कर रही है.

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भाजपा कर रही परेशान

दिल्ली में हुई इस मुलाकात में नीतीश कुमार के अलावा बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव भी शामिल रहे. इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जहां बीजेपी की सरकार नहीं है वहां बीजेपी गैर भाजपा शासित राज्यों को परेशान कर रही है. नीतीश कुमार ने केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं और ऐसे में इस मुद्दे को लेकर हम उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं. 

आखिर क्या अध्यादेश लाई है केंद्र?

दरअसल कुछ दिन पहले यानी शुक्रवार को केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई थी. इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं. इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी, जो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का काम करेगी. इसके तीन सदस्य होंगे, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और गृह सचिव होंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह समिति अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का फैसला बहुमत के आधार पर करेगी. लेकिन आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा.

राज्य के अधिकारों में कटौती?

इस अध्यादेश के बाद से ही कहा जा रहा है कि केंद्र का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को मिले अधिकारों में कटौती की तरह है. अभी तक मुख्य सचिव और गृह सचिव केंद्र सरकार के जरिए नियुक्त किए जाते हैं. यानी इस तरह अथॉरिटी में मुख्यमंत्री अल्पमत में होगा. इस तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार के पास ही होगा. 

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