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राणा सांगा को लेकर सपा सांसद के बयान को मिला अखिलेश यादव का समर्थन, बोले- हर कोई...

अखिलेश यादव ने कहा कि मैं बीजेपी से अनुरोध करता हूं कि वह इतिहास के पन्ने न पलटे, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो लोग यह भी याद रखेंगे कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का तिलक होने वाला था, तो किसी ने नहीं किया था. उनका तिलक हाथ से नहीं, बल्कि बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था.

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा औरंगजेब विवाद पर दिए बयान का समर्थन किया है. अखिलेश यादव  ने कहा कि रामजी लाल सुमन ने जो कहा, वह इसलिए कहा क्योंकि हर कोई इतिहास के पन्ने पलट रहा है. बीजेपी के नेता औरंगजेब के बारे में बहस करना चाहते हैं तो रामजी लाल सुमन ने भी इतिहास का वह पन्ना पलट दिया, जहां ऐसा कुछ लिखा हुआ था. हमने 100-200 साल पहले का इतिहास नहीं लिखा था. 

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अखिलेश यादव ने कहा कि मैं बीजेपी से अनुरोध करता हूं कि वह इतिहास के पन्ने न पलटे, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो लोग यह भी याद रखेंगे कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का तिलक होने वाला था, तो किसी ने नहीं किया था. उनका तिलक हाथ से नहीं, बल्कि बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था. क्या आज बीजेपी इसकी आलोचना करेगी? छत्रपति शिवाजी महाराज का तिलक बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था, क्या बीजेपी इसके लिए माफी मांगेगी?

यह भी पढ़ें: 'तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो...', सपा सांसद रामजी लाल सुमन की विवादित टिप्पणी, बीजेपी बोली- देश से माफी मांगो

क्या बोले थे सपा सांसद

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में कहा कि बीजेपी के लोगों का ये तकियाकलाम बन गया है कि इनमें बाबर का DNA है. रामजी लाल ने कहा कि 'मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था'. उन्होंने कहा कि 'मुसलमान अगर बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो, ये हिन्दुस्तान में तय हो जाना चाहिए कि बाबर की आलोचना करते हो, लेकिन राणा सांगा की आलोचना नहीं करते?'

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रामजी लाल सुमन की एक विवादित टिप्पणी पर सियासत गरम है. एक ओर जहां बीजेपी ने उनके बयान पर करारा पलटवार किया है, वहीं, राणा सांगा के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि संसद में ऐसे लोग भी पहुंचते हैं, ऐसे लोगों से महाराणा सांगा को प्रमाण पत्र की कोई जरूरत ही नहीं है. लेकिन सदन की गरिमा और हमारे इतिहास में से एक महान व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है.

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