अफगानिस्तान के काबुल का बजीर अकबर खान एरिया. ये वही इलाका है, जहां अमेरिका ने जुलाई में एयरस्ट्राइक की थी. अमेरिका का दावा है कि ड्रोन हमले में अल कायदा चीफ अल जवाहिरी मारा गया. Aaj Tak काबुल के इस इलाके में पहुंचा, जहां जवाहिरी के मारे जाने का दावा किया जा रहा है. हालांकि, तालिबान का कहना है कि अमेरिका के ड्रोन हमले में जवाहिरी या किसी की भी मौत नहीं हुई. तालिबान ने अमेरिका के सामने इस हमले पर आपत्ति भी जताई है.
अफगानिस्तान के अन्य हिस्सों की तरह बजीर अकबर खान एरिया भी तालिबान के कब्जे में है. स्ट्राइक के बाद से तालिबान ने इस इलाके को सीज कर दिया है. आजतक इस इलाके तक पहुंचने वाला पहला चैनल है. आज तक यहां पहुंचा तो यहां ड्रोन हमले में तबाह हुए घर का मलबा भी दिखा. बजीर अकबर खान एरिया में सड़क निर्माण का भी काम चल रहा है. सड़क निर्माण में जुटे एक इंजीनियर ने बताया कि उन्होंने 31 जुलाई की सुबह कुछ आवाज सुनी थी. हालांकि, क्या हुआ इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
तालिबान ने कहा- किसी की जान नहीं गई
तालिबानी सूत्रों ने आजतक से बातचीत में बताया कि अल जवाहिरी या कोई भी इस ड्रोन हमले में नहीं मारा गया. हालांकि, इस हमले में घर को जरूर नुकसान नहीं पहुंचा. तालिबान के अफसरों ने कहा कि उनकी ओर से अमेरिका के सामने इस ड्रोन हमले को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है. इसके साथ ही तालिबान को यह भी जानकारी है कि किन लोगों ने और किस देश ने इस हमले में अमेरिका की मदद की.
जवाहिरी का नहीं मिला शव
वहीं, तालिबान ने कहा कि वह जुलाई में हुई एयरस्ट्राइक की जांच कर रहा है और अलकायदा चीफ जवाहिरी का शव नहीं मिला है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने अमेरिकी एयरस्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रक्षा मंत्री के मुताबिक, अल जवाहिरी पर एयरस्ट्राइक के लिए पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.
मोहम्मद याकूब ने कहा, हमारी जानकारी के मुताबिक, ड्रोन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में घुसे थे. हमने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अपने एयरस्पेस को हमारे खिलाफ इस्तेमाल न करें. हालांकि, इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है.
जवाहिरी पर था 1.97 अरब रुपए का इनाम
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 31 जुलाई को ऐलान किया था कि अल कायदा का चीफ अल जवाहिरी काबुल में ड्रोन हमले में ढेर हो गया. उन्होंने बताया था कि अल जवाहिरी अफगानिस्तान के काबुल में छिपा था. अमेरिकी एजेंसी CIA ने एयर स्ट्राइक कर उसे ढेर कर दिया. जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था. इस हमले में 2977 लोगों की मौत हो गई थी. अल जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर यानी 1.97 अरब रुपए इनाम था. उसके काबुल में आवास पर ड्रोन से Hellfire मिसाइल दागी गई थीं. मिसाइलों से काबुल में जवाहिरी के घर की बालकनी को टारगेट किया गया था. हमले के वक्त जवाहिरी घर की बालकनी पर मौजूद था.