पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. पिछले कई महीनों से दोनों देशों की सेनाओं के बीच LAC पर गतिरोध जारी है. इस बीच शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील त्वांग सेक्टर में आईटीपीबी ने कहा कि एलएसी पर जवान हाई अलर्ट पर हैं और चीन इस सेक्टर में भारत को चकमा नहीं कर सकता. LAC के पास त्वांग में आईटीबीपी ने जबरदस्त तैयारियां की हुई हैं. साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर किया है.
आईटीबीपी की 55वीं बटालियन के कमांडर आईबी झा ने बताया, ' जब ऐसे (पूर्वी लद्दाख में हुई खूनी झड़प) हादसे होते हैं तो हमें हाई अलर्ट पर रहना पड़ता है ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों. फिलहाल यहां काफी ठंड है, जिससे चीजें और मुश्किल हो रही हैं. लेकिन हमारे जवान हर वक्त सीमा पर नजर बनाए हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'कोई हमें यहां सरप्राइज नहीं कर सकता. हम देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं. हम अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और तैयारी पूरी है.' पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर आईटीबीपी ने चीन के साथ जारी तनाव के बीच अहम भूमिका निभाई है. शुरुआती हिंसक झड़पों में चीनी सेना के पैंगोंग लेक, फिंगर एरिया और पेट्रोलिंग पॉइंट्स 14, 15, 17 और 17ए में घुसने के प्रयास के दौरान उनकी आईटीबीपी से कई बार झड़प हुई.
हाथ की लड़ाई में, कम संख्या होने के बावजूद न सिर्फ आईटीबीपी ने चीनी सैनिकों को रोका बल्कि उन्हें नुकसान भी पहुंचाया. तनाव के बीच एलएसी के करीब भारत ने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है, जिससे भारतीय जवान त्वांग सेक्टर में जीरो पॉइंट्स के करीब जा सकते हैं.