आयकर विभाग ने कांग्रेस के चार बैंक खातों को सीज कर दिया है. शुक्रवार को कांग्रेस नेता और कोषाध्यक्ष अजय माकन ने बताया कि आयकर विभाग ने उनकी पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं. युवा कांग्रेस का बैंक खाता भी फ्रीज किया गया है. माकन ने कहा, फिलहाल हमारे पास खर्च करने के लिए, बिजली बिल भरने के लिए, अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. सब कुछ प्रभावित हो रहा है. न सिर्फ न्याय यात्रा, बल्कि सभी राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी के आदेश दिए हैं. हालांकि, IT ट्रिब्यूनल ने बुधवार तक खातों से फ्रीज हटा दिया है. आइए जानते हैं 5 पुराने मामले में आयकर विभाग ने क्या एक्शन लिया?
अजय माकन ने कहा कि सुबह सुबह एक बहुत ही चिंताजनक और निराशाजनक खबर मिली. आपको जानकर आश्चर्य और दुख होगा कि हिंदुस्तान के अंदर लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है. तालाबंदी कर दिया गया है. दो दिन पहले यह जानकारी मिली कि हम लोग जो चेक जारी कर रहे हैं, उसे बैंक से क्लीरेंस नहीं मिल रही है. हमने जांच की तो पता चला कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. कांग्रेस के अकाउंट पर तालाबंदी हो गई है. हमारे देश में लोकतंत्र पर तालाबंदी हो गई है. ये कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज नहीं हुए हैं, हमारे देश का लोकतंत्र फ्रीज हो गया है.
'आयकर विभाग ने कितनी पैनल्टी लगाई है?'
आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक अकाउंट को फ्रीज किया है. दो दिन पहले कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज होने की जानकारी आई थी. उसके बाद गुरुवार शाम को यूथ कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज हुआ है. दोनों के फ्रीज अकाउंट से आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम पैनल्टी के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी.
किस वजह से फ्रीज हुए अकाउंट?
ये पूरा मामला 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है. आयकर विभाग ने कांग्रेस से पैनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. माकन के मुताबिक, इस एक्शन के दो कारण हैं. पहला- हम लोगों को 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी. उस समय 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था. आमतौर पर भी लोग 10-15 दिन लेट हो जाते हैं. दूसरा कारण यह है कि 2018-19 चुनावी वर्ष था. उस चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था. ये पैसा कैश में जमा किया गया था. कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी है.
'अकाउंट फ्रीज से क्या प्रभावित?'
माकन ने बताया कि अकाउंट फ्रीज होने से कांग्रेस का कामकाज प्रभावित हो गया है. हमारे पास बिजली का बिल भरने, वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. हम बैंक में पैसा जमा नहीं कर सकते हैं और हम बैंक से पैसा नहीं ले सकते हैं. कांग्रेस के अन्य सभी कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं.
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'अब क्या करेगी कांग्रेस?'
माकन ने कहा, आयकर रिटर्न के पांच साल बाद पैनल्टी लगाई गई है. पार्टी ने बैंक खातों को डीफ्रीज करने के लिए आयकर अपीलीय प्राधिकरण (आईटीएटी) से संपर्क किया है. हम लोगों ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में अर्जी लगा दी है. हमारी अर्जी पर सुनवाई हो रही है. हमें भरोसा है कि देश की ज्यूडशरी लोकतंत्र की रक्षा करेगी. कांग्रेस सड़क पर उतरकर इस लड़ाई को लड़ेगी.
'कांग्रेस के बैंक खातों में पैसा कहां से आया?'
माकन ने आगे कहा, कांग्रेस ने करीब 25 करोड़ रुपए लोगों के बीच जाकर एकत्रित किए हैं. 95 प्रतिशत पैसा उन लोगों का है, जिन्होंने UPI के जरिए 100-100 रुपए से भी कम चंदा दिया है. यूथ कांग्रेस के खाते में मेंबरशिप से जुटाया गया धन है. वो पैसा आयकर विभाग ने फ्रीज कर दिया है. दूसरी तरफ कॉरपोरेट बॉन्ड्स के पैसे को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. वो पैसा बीजेपी के पास है और वो खर्च कर रही है. हमारा पैसा तो ऑनलाइन डोनेशन और क्राउड फंडिंग से जुटाया गया है.
माकन का कहना था कि हैरानी की बात ये है कि जब चुनाव घोषणा के लिए सिर्फ दो हफ्ते रह गए हों, ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अकाउंट फ्रीज करके यह सरकार क्या साबित करना चाहती है? जिस आधार पर अकाउंट फ्रीज किए हैं, वो हास्यास्पद है. ये पैसा किसी धनाड्य या पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों का नहीं है. कांग्रेस के खाते में जो पैसा जमा है, वो ऑनलाइन और क्राउड फंडिंग से जुटाया गया है.
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IT ट्रिब्यूनल ने कांग्रेस को क्या राहत दी है?
हालांकि, कांग्रेस को IT ट्रिब्यूनल से बड़ी राहत मिली है. आयकर अपीलीय प्राधिकरण (ITAT) ने फ्रीज को हटा दिया है. कांग्रेस की ओर से IT ट्रिब्यूनल में वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने पक्ष रखा और बताया कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है. आम चुनाव करीब है. पार्टी के अकाउंट फ्रीज होने से सारे काम प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के खाते डीफ्रीज किए जाएं. ट्रिब्यूनल ने शुरुआती राहत के तौर पर बुधवार तक कांग्रेस के बैंक खाते से फ्रीज हटा दिया है. इस मामले में अब बुधवार को सुनवाई होगी. ट्रिब्यूनल का कहना था कि सुनवाई होने तक कांग्रेस को अपने बैंक खाते पर लेन-देन करने की छूट है. हालांकि, आयकर विभाग को अमाउंट से संबंधित जानकारी देनी होगी. फिलहाल, ट्रिब्यूनल की सुनवाई के बाद ही साफ हो सकेगा कि कांग्रेस को 210 करोड़ की पैनल्टी देनी होगी या नहीं.
क्या है पूरी इनसाइड स्टोरी?
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का साल 2018-19 के लिए 135 करोड़ रुपये डिमांड बकाया है. इसमें मूल्यांकन के मद में 103 करोड़ रुपये की डिमांड और 32 करोड़ रुपये (लगभग) का ब्याज शामिल है.
इस मामले में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 143(3) के तहत मूल्यांकन 6 जुलाई 2021 को पूरा किया गया था. धारा 13ए के तहत छूट की अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि धारा 13ए(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया था और रिटर्न की वापसी हुई थी. आयकर रिटर्न भी देर से दाखिल किया गया था. मूल्यांकन 199 करोड़ रुपये की आय पर पूरा हुआ और 105 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड बनाई गई.
कांग्रेस को मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार कुल डिमांड का 20% (यानी करीब 21 करोड़ रुपये) का भुगतान करने का अनुरोध किया गया है. मात्र 78 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया. चूंकि कांग्रेस आउटस्टैंडिंग डिमांड का 20% भुगतान करने में विफल रही, इसलिए उसे 104 करोड़ रुपये की शेष डिमांड का भुगतान करने के लिए कहा गया है. कांग्रेस द्वारा CIT(A) के समक्ष दायर अपील भी बाद में खारिज कर दी गई थी.
कांग्रेस की तरफ से मई 2023 में ITAT के समक्ष दूसरी अपील दायर की गई थी. हालांकि ITAT या किसी अन्य न्यायिक प्राधिकरण के समक्ष मांग पर रोक की कोई याचिका दायर नहीं की गई थी. बाद में कांग्रेस की तरफ से अक्टूबर 2023 में 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.
'आयकर विभाग ने खाते से कर ली रिकवरी?'
वर्तमान में कांग्रेस के विभिन्न बैंक खातों से पैसे निकालकर 115 करोड़ रुपये की वसूली की गई है. 16 फरवरी 2024 को ITAT के समक्ष अर्जी में आयकर विभाग ने सूचित किया है कि पैसे निकालने से वसूली की गई है, जो खातों से वसूली का एक नियमित उपाय है. खातों का संचालन या गतिविधि बंद नहीं की गई है. इसके अलावा INC के पास अपनी गतिविधियों के लिए कई और खाते हैं. इस फैक्ट पर ITAT ने ध्यान दिया. अब सुनवाई 21 फरवरी 2024 तय की गई है.