हिंसा और पत्थरबाजी के आरोपियों के घर बुलडोजर की कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है. ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने घर गिराए जाने पर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही पुलिस कार्रवाई की भी निंदा की है. उन्होंने मुस्लिमों से सब्र रखने की अपील भी की है.
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ऑफिस सेक्रेटेरी डॉ. वकारूद्दीन लतीफी ने कहा कि मुल्जिमों के साथ मुजरिमों जैसा सुलूक करना गैर कानूनी और दहशतगर्दी है. पैगंबर इस्लाम को मुसलमान अपनी जान और अपनी औलाद से भी ज्यादा अजीज रखते हैं. जिन लोगों ने गुस्ताखी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जगह मुसलमानों के जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है.
ये तो इंसाफ का कत्ल है...
जो लोग इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है, उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है और उन के घरों को मिस्मार (गिराया) जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करना यकीनन इंसाफ का कत्ल है.
इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाने पर...
लतीफी ने बोर्ड की तरफ से सवाल उठाया है कि क्या कानून इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाने पर गोली मारकर हलाक कर देने की इजाजत देता है. बोर्ड ने मरकजी हुकूमत और दीगर सूबाई हुकूमतों से मांग की है कि वो ऐसी ना-मुंसिफाना हरकत से बाज आएं.
पुलिस के खिलाफ सबूत इकट्ठा जमा करें
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से अपील की है और कहा है कि सब्र से काम लें. गुस्ताखे रसूल के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने के लिए मुकामी सरकारी ओहदेदारों को मेमोरेंडम दें. पुलिस मुजालिम के सबूत जमा कर मिल्ली तंजीमों के सुपुर्द करें, ताकि एफआईआर दर्ज कराई जा सके.
यूपी: मुस्लिम धर्म स्थलों और आसपास धारा 144 लगे
इधर, अखिल भारत हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना को एक चिट्ठी भेजी है. इसमें उन्होंने देशभर की मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों में धारा 144 लगाने की मांग की और हिंसा कराने और प्लानिंग बनाने वाले लोगों की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की गुहार लगाई है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इसे पत्र को याचिका की तरह मान्यता दें. हिंदू महासभा ने उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम देवबंद को बंद करने की मांग की है. पत्र याचिका में कहा कि दारुल उलूम दंगा कराने का षडयंत्र और प्लान बनाने और आतंक फैलाने का ट्रेनिंग सेंटर है.
इसके साथ ही शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मौलवी इलियास और पश्चिम बंगाल के फुरफुरा शरीफ के मुखिया अब्बास सिद्दीकी की गिरफ्तारी की भी मांग की गई है.पत्र याचिका में कहा कि हाल ही में मस्जिदों से निकलकर देशभर में लोगों ने हिंसा की है. क्योंकि देशभर में अधिकतर मस्जिदें दंगों का हब बन गई हैं. पत्र में कहा कि 10 जून को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में जिस तरह से दंगे हुए हैं, वह चिंताजनक है.