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महिला आरक्षण, जाति जनगणना, मणिपुर और मेवात... सर्वदलीय बैठक में उठे ये मुद्दे

संसद के विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्ष की पार्टियों ने संजय सिंह और राघव चड्ढा को बहाल करने की मांग की. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव न करने का भी मुद्दा उठाया. इसके अलावा महिला आरक्षण, जाति जनगणना, अडानी मामला, CAG रिर्पोट, मणिपुर, मेवात सहित तमाम मुद्दों पर सदन में चर्चा की मांग की गई.

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संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. इस बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, डीएमके नेता वाइको, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता वी शिवदासन सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने पहुंचे. रविवार को कई सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय संसद सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की जोरदार वकालत की.

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संजय सिंह और राघव चड्ढा की बहाली की मांग
इसके साथ ही सभी विपक्ष की पार्टियों ने संजय सिंह और राघव चड्ढा को बहाल करने की मांग की. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव न करने का भी मुद्दा उठाया. इसके अलावा महिला आरक्षण, जाति जनगणना, अडानी मामला, CAG रिर्पोट, मणिपुर, मेवात सहित तमाम मुद्दों पर सदन में चर्चा की मांग की गई. संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार शाम सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई नेताओं ने कहा कि लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाना चाहिए और उम्मीद है कि इसे सर्वसम्मति से पारित किया जा सकता है.

महिला आरक्षण विधेयक के लिए उठी कई आवाजें
विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. हालांकि, कुछ क्षेत्रीय दलों ने महिलाओं के लिए समग्र आरक्षण के भीतर पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के लिए कोटा की मांग की, सूत्रों ने कहा. यह पहले विधेयक के पारित होने में एक महत्वपूर्ण बाधा रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "सभी विपक्षी दलों ने इस संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की." बीजेपी के सहयोगी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "हम सरकार से इस संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की अपील करते हैं."

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उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश होने पर आम सहमति से पारित हो जाएगा." पटेल ने यह भी कहा कि मंगलवार को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर संसद नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगी.

क्या सरकार कर सकती है कोई चौंकाने वाली बात
बीजेडी नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नए संसद भवन से एक नए युग की शुरुआत होनी चाहिए और महिला आरक्षण विधेयक पारित होना चाहिए. चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने उन्हें सूचित किया है कि यह संसद का नियमित सत्र है. उन्होंने कहा, "केवल सरकार ही जानती है कि उसका इरादा क्या है. वह कुछ नए एजेंडे से सभी को चौंका सकती है."

उन्होंने कहा कि बैठक में उनकी पार्टी ने महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा पर स्थिति जैसे मुद्दे उठाए. बीजद और बीआरएस सहित कई क्षेत्रीय दलों ने भी महिला आरक्षण विधेयक पेश करने पर जोर दिया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता; केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता; और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया.

बैठक में शामिल रहे ये नेता
पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा, डीएमके की कनिमोझी, टीडीपी के राम मोहन नायडू, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, आप के संजय सिंह, बीजेडी के सस्मित पात्रा, बीआरएस के के केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा और जद (यू) के अनिल हेगड़े और सपा के राम गोपाल यादव भी बैठक में शामिल हुए.

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