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WFI के चुनावों का ऐलान, जानें कैसे चुना जाता है भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष, कौन करता है मतदान

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों का बिगुल बज चुका है. 6 जुलाई को फेडरेशन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मानद महासचिव, मानद कोषाध्यक्ष और मानद संयुक्त सचिव का चुनाव होगा. यह चुनाव इसलिए भी अहम है, क्योंकि बृजभूषण बनाम पहलवान के बाद WFI का यह पहला चुनाव होने वाला है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारतीय कुश्ती महासंघ यानी WFI के चुनावों का ऐलान हो चुका है. 6 जुलाई को मतदान के जरिए कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा. इस चुनाव में नामांकन से लेकर निर्वाचन तक पूरी प्रक्रिया की तारीखें निर्धारित कर दी गई हैं. नामांकन की अंतिम तिथि 23 जून है तो वहीं 1 जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे.

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WFI के चुनावों की घोषणा के बाद लोगों के जहन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस चुनाव में कौन मतदान करता है और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के पास कौन सी शक्तियां होती हैं. तो आइए इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि आखिर WFI के चुनाव कैसे होते हैं.

ऐसी होती है फेडरेशन की कार्यसमिति

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों की प्रक्रिया जानने से पहले फेडरेशन की कार्यसमिति के बारे में जानना जरूरी है. फेडरेशन की कार्यसमिति में एक अध्यक्ष, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक मानद महासचिव, एक मानद कोषाध्यक्ष और दो मानद संयुक्त सचिव होते हैं. 

51 सदस्य लेते हैं चुनाव प्रक्रिया में भाग

भारतीय कुश्ती संघ की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 2019-22 के कार्यकाल के लिए निर्वाचक मंडल की सूची में 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 51 सदस्य शामिल हुए. आमतौर पर इस चुनाव में राज्य संघ के अध्यक्ष और महासचिव शामिल होते हैं.

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अमेरिका

केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली के पास 2 वोट

24 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की ओर से कुश्ती फेडरेशन में दो सदस्य हैं. हालांकि इनमें से एक को ही वोट देने का अधिकार है. वहीं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से केवल एक ही सदस्य है, जिसके पास भी एक वोट का अधिकार है.

हर राज्य से भेजे जाते हैं दो प्रतिनिधि

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के संविधान के आर्टिकल IV के मुताबिक, जनरल काउंसिल में राज्यों के रेसलिंग एसोसिएशन 2 प्रतिनिधि भेजते हैं. हर प्रतिनिधि के पास एक वोट देने का अधिकार होता है. दिल्ली को छोड़कर बाकी सभी केंद्र शासित प्रदेश एक प्रतिनिध जनरल काउंसिल में भेजने के हकदार हैं. 

चार साल के अंदर चुनाव होना जरूरी

साल 2019 के निर्वाचक मंडल के मुताबिक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की संबंधित इकाइयों के 51 प्रतिनिधि अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों का चुनाव करते हैं. WFI की जनरल काउंसिल बैठक में चार साल के अंदर चुनाव होते हैं. बैठक में सभी पदाधिकारियों का चुनाव राज्य/संघ, राज्य क्षेत्र की संबंधित इकाइयों के प्रतिनिधियों में से किया जाता है.

अध्यक्ष के लिए क्या योग्यताएं जरूरी?

> अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष का पद धारण करने वाला कोई भी व्यक्ति IOA को छोड़कर किसी भी अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघ/संघ में एक साथ दायित्व नहीं ले सकता.
> किसी भी सदस्य, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव की उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
> कोई भी व्यक्ति लगातार तीन कार्यकाल या 12 साल से ज्यादा अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता.
> कोई भी सरकारी कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकता. अगर चुनाव लड़ना है तो उसे अपने विभाग से NOC लेनी होती है.
> महासचिव या कोषाध्यक्ष के पद पर कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा नहीं रह सकता.

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अमेरिका

अध्यक्ष के पास क्या शक्तियां होती हैं?

> अध्यक्ष WFI का चीफ ऑफिसर होता है. उसके पास जनरल काउंसिल और कार्यसमिति की मीटिंग बुलाने का अधिकार होता है.
> पॉलिसी के मुताबिक, अध्यक्ष काउंसिल को खर्च समेत सभी मामलों में गाइड करता है.
> वह एक बार में 5000 रुपये तक की सभी खेल सामग्री को खरीदने के लिए रुपये सेंक्शन कर सकता है.
> स्टाफ की नियुक्ति और प्रमोशन और डिसमिस करने का अधिकार भी अध्यक्ष के पास होता है.

2009 से अध्यक्ष थे बृजभूषण

बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह फरवरी 2019 में तीसरी बार भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए थे. इसके अलावा कार्यकारिणी समिति के सभी पदाधिकारी और सदस्य निर्विरोध ही निर्वाचित हुए थे. यूपी के गोंडा जिले से आने वाले बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद भी हैं. बृजभूषण सिंह को सिर्फ राजनीति का माहिर खिलाड़ी ही नहीं माना जाता, बल्कि कुश्ती पहलवानी भी उनका शौक रहा है. बृजभूषण सिंह 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हुए थे.

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