जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया. भारी सैलाब में कई श्रद्धालु बह गए. अब तक 16 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. 45 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जबकि 40 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. मौके पर आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें डटी हैं. देर रात तक राहत और बचाव कार्य चलता रहा. शनिवार सुबह से एक बार फिर ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है.
अमरनाथ यात्रा में फंसे मध्यप्रदेश के यात्रियों के लिए शिवराज सरकार ने हेल्प लाइन नम्बर शुरू किया है. मध्यप्रदेश गृह विभाग द्वारा राज्य के 45 अमरनाथ यात्रियों से फोन पर चर्चा की गई और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह कश्मीर RK गुप्ता, DGP कश्मीर, DIG अनंतनाग अब्दुल जब्बार, DM अनंतनाग पीयूष शुक्ला की सहायता ली गई. DIG अनंतनाग ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है. इसके अलावा को-ऑर्डिनेशन ऑफिसर हसीब पीर ने बताया कि 15 घोषित मृतकों और 29 लापता लोगों में से मध्यप्रदेश का कोई श्रद्धालु नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया.
Chaired a high level meeting earlier today to review the ongoing rescue and relief operation at Shri Amarnathji holy cave. The meeting observed two-minute silence to pay tribute to devotees who lost their lives in unfortunate incident yesterday. pic.twitter.com/7zbrzeNzep
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) July 9, 2022
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर ले जाया. उन्होंने बताया कि जो लोग मलबे में दब गए थे, उन्हें बचा लिया गया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 41 लापता हैं, जिनमें से कुछ को बचा लिया गया है. यात्रा एक या दो दिन में शुरू हो सकती है.
इंडियन एयरफोर्स के जवान खराब मौसम के बावजूद बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं. Mi17 V5 और चीतल हेलीकॉप्टर आज सुबह से हताहतों, घायल व्यक्तियों को एयरलिफ्ट करने के लिए घटनास्थल पर जुटे हुए हैं.
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद हुए हादसे में घायलों और मृतकों की लिस्ट सामने आई है. इसमें 40 घायलों के नाम हैं, जबकि 14 लोगों की मौत की सूचना दी गई है, हालांकि अब तक केवल 5 मृतकों की डेडबॉडी की पहचान हो पाई है.
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से घायल हुए तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए श्रीनगर के SKIMS अस्पताल गए.
आज सुबह बीएसएफ के अतिरिक्त जवान पवित्र गुफा क्षेत्र में पहुंचे और बचाव अभियान में तेजी लाई. यहां सीआरपीएफ के जवानों ने भी निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बचाव अभियान चलाया.
कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीएपीएफ और सुरक्षा बल बचाव कार्य में लगे हुए हैं. अब तक 15 शव निकाले जा चुके हैं. 35 लोग घायल हो गए जिन्हें हेलीकॉप्टर सेवा से बचाया गया है. शाम तक मलबा हटाएंगे और शव मिलने पर निकालेंगे.
अमरनाथ में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का बयान आया है. अब्दुल्ला ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार बताएगी कि क्या हुआ और कैसे हुआ. इतनी जोखिम भरी जगह पर किस आधार पर टेंट लगाए गए थे, उसकी जांच होनी चाहिए. ये पहली बार है जब वहां टेंट लगाए गए हैं. यह एक मानवीय भूल हो सकती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर दुख जताया और बताया कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की मदद के लिए पूरी तरह है. ममता ने ट्वीट किया और कहा- अमरनाथ आपदा से दुखी और स्तब्ध हूं. पीड़ितों के परिजन के प्रति गहरी संवेदना है. फंसे हुए लोगों की मदद के लिए नबन्ना में नियंत्रण कक्ष (033- 22143526) खोला गया है. इसके अलावा, हमारे दिल्ली RC ऑफिस को भी एक्टिव किया गया है. बंगाल के तीर्थयात्रियों के बचाव के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार से भी संपर्क किया जा रहा है. प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद की जाएगी.
श्रद्धालुओं को सेना लगातार रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर भेज रही है. एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि सेना के जवानों ने एक-एक तीर्थ यात्री को बचाया है. जिस तरह से फौजी ने हमको बचाया है, हम अपनी सेना के जज्बे को नमन करते हैं. एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि कैसे सेना ने उनको सुरक्षित निकाला. सेना ने श्रद्धालुओं से कहा था कि पहले पहाड़ तरफ चिपको. उसके बाद सभी का रेस्क्यू कर लिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया और बताया कि भारतीय सशस्त्र बल नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और त्रासदी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान चला रहे हैं. अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से हुए अमूल्य जीवन के नुकसान से गहरा दुख हुआ है. घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें.
भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ में बचाव और राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर को सेवा में लगाया है. Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों ने पंचतरणी में NDRF और नागरिक प्रशासन कर्मियों के साथ मिलकर 21 बचे लोगों को बचाया है. भारतीय वायु सेना ने बताया कि हेलीकॉप्टर छह शवों को भी वापस ले आए हैं. IAF Mi-17V5 और चीतल हेलीकॉप्टरों आगे का बचाव अभियान चलाया जा रहा है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर विमान स्टैंडबाय पर हैं.
बादल फटने की संभावित घटनाओं को देखते हुए रामबन जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदारों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं.
बालटाल में संगम अड्डे के पंजतरणी में अमरनाथ गुफा से सुरक्षित निकाले गए लोगों ने भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की. इन लोगों को सेना से सुरक्षित जगह भेज दिया है.
एसएसपी रामबन मोहिता शर्मा गर्ग ने ट्वीट किया है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि भारी मन से हम यह जानकारी साझा कर रहे हैं ताकि परिवार हमारे हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकें. उनकी आत्मा को शांति प्राप्त हो.
अमरनाथ यात्रा में बादल फटने के कारण फंसे मध्य प्रदेश के नागरिकों के लिए शिवराज सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. मध्य प्रदेश के शहरों से जानकारी और मदद के लिए 181 डायल पर संपर्क कर सकते हैं. मध्य प्रदेश के बाहर से फोन लगाने वाले 07552555582 डायल कर सकते हैं.
सेना के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बालटाल के नीलगरार पहुंचे. यहां राहत और बचाव कार्य चल रहा है. चिनार कोर की तरफ से बताया गया कि भारतीय सेना बचाव उपकरणों और ट्रेंड प्रोफेशनल को साइट पर नियुक्त कर रही है.
भारतीय वायुसेना ने बताया कि अब तक 29 लोगों को बचाया गया है. इनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.
BSF की तरफ से बताया गया है कि BSF MI-17 हेलिकॉप्टर से 9 शवों को नीलगढ़ से श्रीनगर ले जाया गया है. बादल फटने से प्रभावित इलाकों के पास लगातार मलबा साफ किया जा रहा है और लापता लोगों की तलाश जारी है.
IAF का कहना है कि भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ गुफा स्थल में बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. एक AN-32 और Ilyushin-76 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आगे की जरूरतों के लिए चंडीगढ़ में स्टैंडबाय मोड पर है.
IAF के एक अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ गुफा स्थल से घायल श्रद्धालुओं को भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर में आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है. खराब मौसम के कारण लद्दाख सेक्टर से श्री घाटी में हेलिकॉप्टरों को लाना मुश्किल है.
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि 16 मौतों की पुष्टि हुई. लगभग 40 अभी भी लापता हैं. लैंडस्लाइड नहीं, लेकिन बारिश जारी है. हालांकि बचाव कार्य में कोई दिक्कत नहीं है. बचाव कार्य में 100 से अधिक बचावकर्मियों के साथ एनडीआरएफ की 4 टीमें लगी हैं. इसके अलावा, भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ और अन्य बचाव कार्य में लगे हैं.
राहत और बचाव कार्य में सुबह से तेजी लाई गई है. बाढ़ का सैलाब आने के बाद कई लोगों के बहने की आशंका है. ऐसे में वहां अब पत्थरों को हटाकर लोगों को खोजा रहा है.
तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह परिवार समेत अमरनाथ यात्रा पर गए हैं. वे शुक्रवार की शाम अचानक बादल फटने की घटना में बाल-बाल बचे हैं. राजा सिंह और उनके परिवार के सदस्य एक हेलिकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे थे. उन्होंने शुक्रवार को मौसम की स्थिति बिगड़ने से पहले पहाड़ियों से उतरने के लिए टट्टू का इस्तेमाल करने का फैसला किया. राजा सिंह ने बताया कि हमने महसूस किया कि मौसम अचानक बदल गया और बिगड़ गया है. ऐसे में हेलिकॉप्टर सेवा भी रद्द कर दी जाएगी, इसलिए हमने टट्टू का उपयोग करके पहाड़ियों पर उतरने का फैसला किया. मैंने पहाड़ियों से करीब एक किलोमीटर नीचे बादल फटते देखा. कई तंबू बाढ़ में बह गए. चूंकि विधायक विशेष सुरक्षा में हैं, इसलिए सेना ने परिवार को श्रीनगर पहुंचाने में मदद की. उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना समेत अन्य राज्यों के लोग वहां फंसे हुए हैं.
अमरनाथ यात्रा हादसा में अब तक 16 लोगों की मौत की खबर है. जबकि 45 से ज्यादा लोग घायल हैं. इसके अलावा, 48 लोगों के लापता होने की सूचना है. इनकी तलाश में रेस्क्यू टीमें लगातार काम कर रही हैं.
चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से प्रभावित इलाकों में पहुंचे, जहां बचाव अभियान जारी है. इसके अलावा, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार और संभागीय आयुक्त कश्मीर आज सुबह अमरनाथ पवित्र गुफा पहुंचे और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं.
BSF के MI 17 हेलिकॉप्टर को एयर ट्रांसपोर्ट में लगाया गया है. ये चॉपर घायलों और शवों के साथ-साथ नीलगढ़ हेलीपैड / बालटाल से बीएसएफ कैंप श्रीनगर तक लोगों को लेकर जा रहा है.
बचाव अभियान में 15 घायल श्रद्धालु मिले. इनमें 7 महिला, 6 पुरुष हैं. मलबे से निकाले गए 2 घायलों का इलाज चल रहा है. मौसम थोड़ा खुला है, जिससे पहली दो उड़ानें पवित्र गुफा में उतर सकीं. पवित्र गुफा में हल्की बारिश का अनुमान है. सेना/ बीएसएफ की टीमें बचाव अभियान में लगी हैं. हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के काम में लगे हैं. नीलागरर हेलीपैड पर टीमें अलर्ट मोड पर हैं. 6 घायलों को पवित्र गुफा से एडीएस नीलागरर ले जाया गया.
नोडल चिकित्सा अधिकारी मेजर पंकज कुमार ने बताया कि लगभग 10 घायल श्रद्धालु लाए गए हैं, इनमें 2 को सिर में चोट आई थीं. 5 को फ्रैक्चर हुआ और 2-3 हाइपोथर्मिया के मामले हैं.
ITBP की टीमें पवित्र अमरनाथ गुफा के पास लापता लोगों की तलाश कर रही हैं. तलाशी अभियान जोरों पर चल रहा है.
जम्मू और कश्मीर के डोडा एसएसपी अब्दुल कयूम ने बताया कि आज तड़के करीब 4 बजे ठठरी टाउन के गुंटी वन में बादल फटने की सूचना मिली. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी. कुछ वाहन फंस गए और कुछ देर के लिए हाईवे जाम कर दिया गया, लेकिन अब इसे यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है.
भारतीय सेना के जवानों ने प्रभावित इलाकों में मौजूद तीर्थयात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की है. देर रात तक जवान श्रद्धालुओं की व्यवस्था में जुटे रहे.
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बादल फटने की घटना पर दुख जताया. रिजिजू ने कहा- पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से कई श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है. जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. महादेव दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें. ऊं शांति.
ITBP की तरफ से बताया गया कि बाढ़ की वजह से पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश श्रद्धालुओं को पंजतरणी में भेज दिया गया है. ITBP ने अपने मार्ग खोलकर निचली पवित्र गुफा से पंजतरणी तक बढ़ा दिया है. कोई भी श्रद्धालु ट्रैक पर नहीं रह गया है. करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित भेजा गया है.
बचाव कार्य में सर्च और रेस्क्यू डॉग को भी लगाया गया है. शरीफाबाद से 2 सर्च और रेस्क्यू डॉग को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा में ले जाया गया है.
आज सुबह एयर रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत 6 श्रद्धालुओं को निकाला गया. नीलागरर हेलीपैड पर मेडिकल टीमें मौजूद हैं. माउंटेन रेस्क्यू टीम और अन्य दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने राहत और बचाव कार्य के बारे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भी सूचना दी है. LG की तरफ से बताया गया है कि सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और श्राइन बोर्ड द्वारा बचाव अभियान जारी है. घायलों को बचाने के लिए ALH हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक मदद देने के निर्देश जारी किए गए हैं.
J&K: अमरनाथ हादसे पर हेल्पलाइन नंबर जारी, सेना ने संभाला रेस्क्यू ऑपरेशन
गांदरबल के सीएमओ डॉ. शाह का कहना कि हमारे यहां 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिक्स, 16 एंबुलेंस मौजूद हैं. एसडीआरएफ की टीमें भी मौजूद हैं.
सीएमओ गांदरबल डॉ. अफरोजा शाह ने बताया कि फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं. घायल मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है.
अमरनाथ यात्रा हादसे के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए.
सोनमर्ग के बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित की गई है. एक श्रद्धालु ने कहा है कि हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है. वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है.
भारतीय सेना ने मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है.
अमरनाथ यात्रा के दौरान पहले भी प्राकृतिक आपदा की घटनाएं सामने आई हैं. सबसे पहला बड़ा हादसा साल 1969 में हुआ था. साल 1969 के जुलाई महीने में भी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बादल फटने की घटना हुई थी. तब इस हादसे में करीब सौ श्रद्धालुओं की जान चली गई थी. ये घटना अमरनाथ यात्रा के इतिहास की पहली बड़ी घटना भी मानी जाती है.
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घटना के बाद श्रद्धालुओं के परिजन भी परेशान देखे जा रहे हैं. जगह-जगह श्रद्धालुओं की सलामती की दुआएं की जा रही हैं. देशभर में लोग श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
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आजतक के स्थानीय रिपोर्टर के मुताबिक, शुक्रवार को करीब 8-10 हजार लोग यात्रा में शामिल थे. देर शाम अमरनाथ गुफा के पास ही बादल फट गया.
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया है कि हालात काबू में हैं और काफी लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. सुरक्षाबलों का भी कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
अब तक 15 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. 45 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. करीब 35 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. मौके पर आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें डटी हैं.
खराब मौसम और बादल फटने की घटना को देखते हुए किसी भी तरह की मदद के लिए इन टेलीफोन नंबर्स पर संपर्क किया जा सकता है.
संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष पहलगाम
9596779039
9797796217
01936243233
01936243018
पुलिस नियंत्रण कक्ष अनंतनाग
9596777669
9419051940
01932225870
01932222870