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Agenda Aajtak 2023: पूरा होगा 1 साल में न्याय का सपना, तीन कानूनों से होगी नए युग की शुरुआत ...बोले अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि काफी सारी धाराएं ही खत्म की जा रही हैं, और काफी सारी नई धाराएं जोड़ी जा रही हैं. इसलिए नंबर तो चेंज होना ही होना है. परंतु इसके लिए हमने पूरी तैयारी की है. मैंने खुद प्रिंटर्स के साथ कई बार मीटिंग की है. वे नई धारा और पुरानी धारा से जुड़ा सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं.

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अमित शाह ने 'एजेंडा आजतक' में आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े तीन नए कानूनों पर बात की. (फोटो: राजवंत रावत)
अमित शाह ने 'एजेंडा आजतक' में आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े तीन नए कानूनों पर बात की. (फोटो: राजवंत रावत)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम में देश की न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े तीन कानूनों आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने और इनके स्थान पर नए कानून लागू करने के मुद्दे पर अपने विचार रखे. उनसे प्रश्न पूछा गया कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड को आप जो बदलने जा रहे हैं, इसके लेकर कानून के जनाकारों का कहना है कि इससे बड़ी प्रैक्टिकल दिक्कतें आने वाली हैं. उनका कहना है कि आप पुराने कानूनों में संशोधन करते, न की नए कानून ले आते. इस पर आप क्या कहेंगे?

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इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, 'देखिए कानून की आत्मा भी बदल रही है. धाराओं की संख्या भी बदल रही है और उनकी प्राथमिकता भी बदल रही है. जैसे मैं आपको बताता हूं, अंग्रेजों की प्राथमिकता थी ​रेलवे बचाना, उनकी प्राथमिकता अपना खजाना बचाना. तो मानव वध को धारा 302 में रखा है और रेलवे की लूट को मानव वध से बड़ी घटना माना है. अब हम आजाद हो गए भई. हमारा केंद्र बिंदु नागरिक है, हमारा केंद्र बिंदु दलित, आदिवासी और पिछड़ा है, हमारे केंद्र बिंदु महिलाए और बच्चे हैं. ये बदलना बहुत जरूरी है'.

'नई और पुरानी धारा के साथ छपेंगी कानून किताबें'

उन्होंने कहा कि काफी सारी धाराएं ही खत्म की जा रही हैं, और काफी सारी नई धाराएं जोड़ी जा रही हैं. इसलिए नंबर तो चेंज होना ही होना है. परंतु इसके लिए हमने पूरी तैयारी की है. मैंने खुद प्रिंटर्स के साथ कई बार मीटिंग की है. वे नई धारा और पुरानी धारा से जुड़ा सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं. ढेर सारी पुस्तकें  देशभर की भाषाओं में नई धारा और पुरानी धारा के साथ ही आएंगी. तो शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी. मैं अपने देश के वकीलों से ​आग्रह करना चाहता हूं कि थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. हम भी करते हैं और आप भी करिए'. 

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'पूरा होगा एक साल के भीतर न्याय पाने का सपना'

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम बहुत अच्छे ध्येय के साथ ये कानून ला रहे हैं. और मैं इतना विश्वास के साथ कह रहा हूं कि इन कानूनों के आने के बाद किसी भी आपराधिक मामले में एक साल के अंदर न्याय देने का हमारा जो सपना है वह अगले 10 साल के अंदर पूरा हो जाएगा. मैं देश की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं. यह पीएम मोदी का एक बहुत बड़ा इनिशिएटिव है, जो आने वाले 100 साल तक न्यायिक दंड प्रक्रिया ...क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को एक नई दिशा देने वाला है और इसके साथ हम एक नए युग में प्रवेश करेंगे.

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