संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच नोकझोंक देखने को मिली.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने सदन में कहा कि आज संसद में कश्मीर की ओर से कोई सांसद मौजूद नहीं है. इससे पहले कि वह आगे कुछ कह पाते अमित शाह भड़क गए. उन्होंने झा को बीच में ही टोकते हुए कहा कि आपने बहुत ही खराब बयान दिया है. आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि सदन में कश्मीर का कोई सदस्य नहीं है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आप अपने बारे में कह सकते हैं कि आप कश्मीर के नहीं है. लेकिन आप हमारे बारे में कैसे कह सकते हैं कि हम कश्मीर के नहीं है. हम तो सदैव कश्मीर के हैं.
शाह ने आगे कहा कि इस देश का कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और द्वारका से लेकर नॉर्थईस्ट तक हर व्यक्ति का कश्मीर है और ये देश हर कश्मीरी का है.
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है. सर्वोच्च अदालत ने यह बात मानी है कि राष्ट्रपति का फैसला संवैधानिक तौर पर वैध था. अदालत ने इस दौरान कहा कि आर्टिकल 370 अस्थायी था और संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर में भी लागू होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि आर्टिकल-370 पर राष्ट्रपति को फैसला लेने का पूरा हक है. इस दौरान पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया. फैसले के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने अपनी राय देते हुए एक भावुक बात कही. उन्होंने अपने फैसले में लिखा कि कश्मीर घाटी पर ऐतिहासिक बोझ है. जम्मू-कश्मीर के लोग बहस के केंद्र में हैं.