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मणिपुर में अमित शाह के Peace Plan की 5 बड़ी बातें, ऐसे कुकी और मैतेई समुदायों को साधने में जुटे

मणिपुर में हिंसा जारी है. 3 हफ्ते बाद भी राज्य में जीवन अस्त व्यस्त है. इसी बीच अमित शाह ने मणिपुर में खुद मोर्चा संभाल लिया है. वे मैराथन बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने पुलिस और सुरक्षाबलों के अधिकारियों से स्थिति का जायजा लिया. इसके साथ ही कुकी और मैतेई समुदाय को भी बातचीत की टेबल पर लाने का प्रयास किया.

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मणिपुर दौरे पर अमित शाह
मणिपुर दौरे पर अमित शाह

मणिपुर सुलग रहा है. अभी भी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ पाई है. मणिपुर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. स्कूल, दुकानें,  कॉलेज, उद्योग-धंधे सब तीन हफ्तों से बंद पड़े हैं. सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है. इन सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में खुद मोर्चा संभाल लिया है. वे सोमवार रात से मणिपुर में डेरा डाले हुए हैं. एक के बाद एक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने पुलिस और सुरक्षाबलों के अधिकारियों से स्थिति का जायजा लिया. इसके साथ ही कुकी और मैतेई समुदाय को भी बातचीत की टेबल पर लाने का प्रयास किया. इतना ही नहीं वे हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर विश्वास की बहाली की कोशिश में भी जुटे हैं. आइए समझते हैं अमित शाह के Peace Plan की 5 बड़ी बातें...

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मणिपुर में अमित शाह की शांति योजना के 5 सूत्र...

1. मैराथन बैठकों के जरिए सुरक्षा सुनिश्चित करना

मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए अमित शाह मैराथन बैठक कर रहे हैं. गृहमंत्री ने मंगलवार को इंफाल में पुलिस, सीएपीएफ और सेना के अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा की. शाह ने अधिकारियों के अलावा समाजसेवियों, महिला समूहों, पूर्व सैन्य अधिकारियों और राज्य की प्रमुख शख्सियतों के साथ बैठक की. इतना ही नहीं गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई. 

2. बातचीत की पहल, दोनों समुदायों की चिंताओं का हल

अमित शाह का फोकस बातचीत के जरिए शांति बहाल करने की कोशिश है. यही वजह है कि शाह ने मंगलवार को मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बैठक की. वे दोनों समुदाय को बातचीत की टेबल पर लाने के प्रयास में जुटे हैं. यही दो समुदाय हैं, जिनके बीच विवाद के बाद राज्य में हिंसा फैली. शाह ने दोनों समुदाय की चिंताओं और समस्याओं को जानने की कोशिश की. इतना ही नहीं दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों को उनकी चिंताओं को हल करने का आश्वासन भी दिया गया. 

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3. ग्राउंड पर खुद उतरकर समुदायों में विश्वास बहाली

मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार कोशिशों में जुटी है. इसी क्रम में अमित शाह ने चुराचांदपुर का दौरा किया, यही हिंसा का प्रमुख केंद्र माना जा रहा है. शाह बुधवार को भारत-म्यांमार सीमा से लगे तेंगनौपाल जिले के मोरेह शहर का दौरा करेंगे. यहां वे कुकी समाज के लोगों से मुलाकात करेंगे. इतना ही नहीं यहां सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा करेंगे. इसके बाद वे कांगपोकपी जिले का दौरा करेंगे और यहां समाज के विभिन्न समूहों से मुलाकात करेंगे और राज्य में शांति स्थापित करने में राज्य सरकार की मदद करने की अपील करेंगे.  शाह ग्राउंड पर पहुंचकर समुदायों में विश्वास बहाली की कोशिश में जुटे हैं. ताकि आगे हिंसा और पलायन दोनों को रोका जा सके. 

4. महिलाओं, युवाओं और सामाजिक संगठनों का साथ

अमित शाह अच्छे से जानते हैं कि दो समुदाय में विवाद को खत्म करने में समाज की कितनी अहम भूमिका होती है. यह वजह है कि शाह ने मंगलवार को राज्य की प्रमुख हस्तियों, बुद्धिजीवियों, रिटायर सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ महिला और युवा संगठनों के प्रतिनिधियों और सिविल सेवकों के साथ बातचीत की. शाह ने COCOMI, AMUCO, AMOCOC, MMW, STDCM, FOCS समेत कई समाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि सब साथ मिलकर मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपना अपना योगदान देंगे. अमित शाह ने समाज में महिलाओं की भूमिका के महत्व को बताते हुए कहा कि हम सब मिलकर राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

 

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5- एक तरफ बातचीत, दूसरी ओर सुरक्षाबलों को सख्त निर्देश

अमित शाह ने इंफाल में पुलिस, सीएपीएफ और सेना के अधिकारियों बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मणिपुर में शांति और समृद्धि है. उन्होंने सुरक्षाबलों को सख्त निर्देश दिया कि शांति भंग करने वालों से कड़ाई से निपटा जाए. वे बुधवार को मोरेह और कांगपोकपी में सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा करेंगे. 

मणिपुर में अभी कैसी है स्थिति?

मणिपुर में हिंसा से लोगों में गुस्सा है. 3 हफ्ते से राज्य में सब कुछ ठप पड़ा है. बाजार न खुलने के चलते लोगों को रोजमर्रा की चीजें नहीं मिल रही हैं. अगर मिल भी रही है, तो बहुत महंगी. हालत ये हैं कि आलू 80 रूपए किलो और पेट्रोल 150 रूपए लीटर पर पहुंच गया है. कर्फ्यू के बाद भी लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. गुस्साई महिलाएं हर आने जाने वाली गाड़ियों को रोक रही हैं. 

खिलाड़ी बोले- लौटा देंगे मेडल

मणिपुर हिंसा से नाराज ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू सहित 11 खिलाड़ियों ने गृह मंत्री को पत्र लिखखर कहा कि हालात सामान्य नहीं हुए तो वे अपने अवार्ड और मेडल लौटा देंगे. पत्र लिखने वाले खिलाड़ियों में मीराबाई चानू के अलावा, वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी, बीम देवी, एल सरिता देवी शामिल हैं. कुंजादेवी ने कहा, हमें शांति चाहिए, सब कुछ ले लो बस शांति दे दो. खिलाड़ियों ने गृहमंत्री को लिखे पत्र में 8 मांगे रखी हैं. इनमें जल्द से जल्द हाईवे खुलवाने और जरूरी सामान का आपूर्ति कराने की मांग शामिल है. 

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अफीम, जमीन और आरक्षण की लड़ाई... आखिर मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय आमने-सामने क्यों हैं?
 

मणिपुर में क्यों फैली हिंसा?

मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला था. इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई.

 

 

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