केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सीबीआई के भारतपोल पोर्टल (Bharatpol Portal) की लॉन्चिंग की. गृह मंत्रालय ने इंटरपोल की तर्ज पर देश में 'भारतपोल' की शुरुआत की है. साइबर क्राइम, फाइनेंशियल क्राइम, ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, इंटरनेशनल क्राइम के मामलों में भारतपोल पोर्टल के जरिए जांच में तेजी आएगी और रियल टाइम जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी. यह पोर्टल सीबीआई के अधीन काम करेगा, लेकिन इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि राज्यों की पुलिस किसी वांटेड क्रिमिनल या भगोड़े के संबंध में इंटेलिजेंस इनपुट के लिए इस पोर्टल की मदद से सीधे इंटरपोल की मदद ले सकेगी. साथ ही विदेशी लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां भी किसी अपराधी के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए 'भारतपोल' की मदद से भारतीय एजेंसियों से आसानी से संपर्क कर सकेंगी. इस तरह 'भारतपोल पोर्टल' इंटरनेशनल पुलिसिंग में काफी मददगार साबित होगा.
भोरतपोल की लॉन्चिंग के मौके पर अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'यह शुरुआत हमारे देश की लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के इंटरनेशनल इन्वेस्टिगेशन को एक अलग युग में ले जाएगी. एक प्रकार से अब तक इंटरपोल के साथ काम करने के लिए एक ही एजेंसी थी. मगर भारतपोल की लॉन्चिंग के बाद भारत की हर एजेंसी, हर राज्य की पुलिस अपने आप को बहुत सरलता के साथ इंटरपोल के साथ कनेक्ट कर पाएगी और अपने इन्वेस्टिगेशन को गति देने में सक्षम होगी.' अमित शाह ने कहा- कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स, ये पांच 'भारतपोल' के प्रमुख मॉड्यूल होंगे, जिनके माध्यम से हमारे देश की सभी लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी.
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भारत की पहुंच से बाहर नहीं रह पाएगा कोई अपराधी
उन्होंने कहा कि सीबीआई को भारतपोल के माध्यम से एक बेहतरीन टेक्निकल प्लेटफॉर्म मिलेगा. हम इन्वेस्टिगेशन के लिए दूसरे देशों की एजेंसियों को सबूत और इस्तावेज बहुत तेजी से भेजने और उनसे इनपुट प्राप्त करने में सक्षम होंगे. भारतपोल क्राइम कंट्रोल के लिए हमारी एजेंसियों के लिए सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रेड कॉर्नर और अन्य अलग-अलग तरह के नोटिस जारी करने के लिए हमारी एजेंसियां अपने अनुरोधों को भारतपोल की मदद से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक तेजी से पहुंचा सकेंगी और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी भारत तक अपने ऐसे किसी अनुरोध को तेजी के साथ पहुंचा सकेंगी.
कई अपराधी क्राइम करने के बाद कानून की पहुंच से बाहर हो जाते हैं. लेकिन इस व्यवस्था के लागू होने से भारत से बच निकले अपराधी तक कानून के हाथ पहुंचेंगे. भारत में अपराध करके विदेश भागने वाला अपराधी जहां भी रहेगा, उसका ट्रायल वहीं के कोर्ट में होगा और वहीं सजा मिलेगी. गृह मंत्री ने कहा कि भारतपोल का बेहतर ढंग से उपयोग हो सके इसके लिए सीबीआई ग्रासरूट तक ट्रेनिंग दे. उन्होंने सीबीआई से इंटरपोल के सारे नोटिस के बारे में राज्यों की पुलिस को जागरूक करने के लिए कहा. अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों, भारतपोल और इंटरपोल की सूचनाओं के बारे में सीबीआई को संस्थागत ढांचा विकसित करने की जरूरत है. तभी भारतपोल की सार्थकता होगी.
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कैसे काम करेगा भारतपोल?
इस पोर्टल की मदद से राज्यों की पुलिस किसी अपराधी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीधे इंटरपोल को रिक्वेस्ट भेज सकेगी. इस तरह राज्यों की पुलिस को इंटरपोल की जानकारी के लिए सीबीआई या अन्य केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस पोर्टल का मकसद इंटरपोल के साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल को आसान और गतिशील बनाना है. किसी भगोड़े अपराधी को नोटिस जारी करने के लिए भी फिलहाल राज्यों को पहले सीबीआई से अनुरोध करना पड़ता है. सीबीआई राज्य पुलिस के अनुरोध को इंटरपोल के पास भेजती है.
इसके बाद इंटरपोल जो भी जानकारी भेजता है उसे सीबीआई को राज्य पुलिस तक मेल या लेटर के जरिए पहुंचाना पड़ता है. यह काफी जटिल प्रक्रिया है, जिसमें बहुत समय जाया होता है. इसी प्रक्रिया को आसान बनाने और भारत की सभी लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियों को एक मंच पर लाने के लिए यह पोर्टल बनाया गया है. 'भारतपोल' के माध्यम से कोई राज्य पुलिस इंटरपोल को किसी अपराधी के लिए रेड कॉर्नर या अन्य कोई नोटिस जारी करने का रिक्वेस्ट भेज सकती है. उसे इसके लिए सीबीआई पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
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.इंटरपोल क्या है, कैसे काम करता है?
इंटरपोल को आसान भाषा में इंटरनेशनल पुलिसिंग कह सकते हैं. इंटरपोल का फुल फॉर्म 'इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन' है. यह संगठन अपने सदस्य देशों की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की आपराधिक मामलों में मदद करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी अपराधी की तलाश के लिए कॉर्डिनेशन को आसान बनाता है. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर लगाम लगाना और जांच में मदद करना है. इंटरपोल का गठन साल 1923 में किया गया था, जिसका हेडक्वार्टर फ्रांस के ल्योन में स्थित है. दुनिया के 196 देश इंटरपोल के मेम्बर हैं, जो इसे संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन बनाता है. भारत 1949 में इंटरपोल का सदस्य बना था.