तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले चेन्नई की सड़कों पर उतरकर गृह मंत्री अमित शाह ने आने वाले दिनों में राज्य में बीजेपी की आक्रामक राजनीति का संकेत दे दिया है. तमिलनाडु में 2021 में विधानसभा होने हैं. इससे पहले राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण विजय की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.
तमिलनाडु में यूं तो बीजेपी का वोट बैंक अभी न के बराबर है, लेकिन बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस बार तस्वीर को बदलने पर आमादा है. इसी सिलसिले में बीजेपी ने सत्ताधारी AIADMK के साथ आगामी चुनाव के लिए गठबंधन पक्का कर लिया है.
चेन्नई की सड़कों पर पैदल चले अमित शाह
अब बीजेपी तमिलनाडु की जनता का विश्वास जीतना चाहती है. अमित शाह जब शनिवार को चेन्नई पहुंचे तो एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही उन्हें सड़क के दोनों किनारों पर बीजेपी कार्यकर्ताओं का हुजूम दिखाई दिया. अमित शाह कार्यकर्ताओं के प्रति सम्मान दिखाते हुए अपनी कार से उतर गए और एयरपोर्ट से शहर के उस होटल तक जहां वे ठहरे हैं, पैदल ही गए. इस दौरान अमित शाह ने सड़क के किनारे दोनों ओर मौजूद कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर स्वागत किया.
AIADMK की तारीफ, कांग्रेस-डीएमके पर हमला
दो दिवसीय दौरे पर चेन्नई पहुंचे अमित शाह ने राज्य सरकार की नीतियों की तारीफ की तो वहीं डीएमके और कांग्रेस पर खूब हमला किया. अमित शाह ने कहा कि महान शख्सियत MGR और लोकनेत्री जयललिता के नेतृत्व में जिस तरह से तमिलनाडु ने विकास किया था, मुझे भरोसा है कि पलानीस्वामी जी के नेतृत्व में तमिलनाडु इसी रास्ते पर आगे बढ़कर देश का सबसे अच्छा राज्य बन सकता है.
तमिल संस्कृति का यशगान
अमित शाह ने तमिल संस्कृति की दिल खोलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में तमिल संस्कृति सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक है, जिसने हमेशा विश्वभर में भारत को यश दिलाया है. सांस्कृतिक क्षेत्र, विज्ञान, कला, शिल्प शास्त्र या स्वतंत्रता का आंदोलन हो, तमिल संस्कृति के योगदान को कभी कोई भुला नहीं सकता.
डीएमके और कांग्रेस के शासन काल को याद करते हुए अमित शाह ने कहा कि जब 2004 से लेकर 14 तक डीएमके और कांग्रेस केंद्र में थी तो उन्होंने तमिलनाडु को क्या दिया. शाह ने कहा कि मनमोहन सरकार में तमिलनाडु का बजट 16 हजार करोड़ रुपये का था, इसे बढ़ाकर 32 हजार 800 करोड़ रुपये कर दिया गया है. गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र तमिलनाडु को जो कुछ भी दे रहा है यह उसका हक है जिसे कई सालों से उसे नहीं दिया जा रहा था.
नहीं चली थी मोदी लहर
बता दें कि साल 2016 के चुनाव में 2014 की मोदी लहर तमिलनाडु में देखने को नहीं मिली थी. बीजेपी ने राज्य की 234 में से 188 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन राज्य में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था. राज्य में बीजेपी को 2.84 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन बीजेपी इस बार हर हाल में राज्य में अपनी दमदार मौजूदगी चाहती है.
तमिलनाडु में बीजेपी को एक अदद चेहरे की तलाश
अमित शाह ने डीएमके पर सीधा हमला कर बीजेपी की नीति साफ कर दी है कि पार्टी राज्य में बड़ी भूमिका की तैयारी में है. हालांकि पार्टी की राह में सबसे बड़ी बाधा अपना कैडर तैयार करना और एक ऐसा स्थानीय नेता ढूंढ़ना है, जिसका चेहरा आगे कर मोदी-शाह की जोड़ी जनता से वोट मांग सके. इसके अभाव में बीजेपी को फिलहाल दिल्ली के नेताओं से ही चेन्नई की राजनीति करनी होगी.