scorecardresearch
 

'सोनिया गांधी ने क्यों किया छत्तीसगढ़ विधानसभा का उद्घाटन?', नई संसद मामले पर शाह ने कांग्रेस को घेरा

अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बहिष्कार से कुछ नहीं होता. पूरे देश का आशीर्वाद प्रधानमंत्री के साथ है. ये आप जो कर रहे हैं वो भारत के लोगों का अपमान है. अगली बार आपकी इतनी सीटें भी नहीं आएंगी. जब बीजेपी विपक्ष में थी, हमने आपका सम्मान किया. दो-दो बार देश के चुने हुए प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं कर रहे हो. ये देश की जनता का अपमान है. 

Advertisement
X
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. 21 विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. विपक्ष का आरोप है कि राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराना, उनके पद का अपमान है. इस मामले पर मचे सियासी घमासान के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

Advertisement

उन्होंने कहा है कि जनता के समर्थन की वजह से प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में हैं. इस देश के लोग कांग्रेस की राजनीति को देख रहे हैं. जब सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का उद्घाटन किया था. क्या वह सही था? जब झारखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में ऐसा हुआ तो क्या वह सही था. लेकिन बीजेपी को लेकर ये लोग नकारात्मकता फैला रहे हैं. 

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी और उनके साथी राजनीति करके एक गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं. कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में आपने क्या किया. राज्यपाल को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उद्घाटन के लिए नहीं बुलाया गया. 

कांग्रेस के बहिष्कार से कुछ नहीं होता

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मैं कांग्रेस को कहना चाहता हूं कि आपके बहिष्कार से कुछ नहीं होता. पूरे देश का आशीर्वाद प्रधानमंत्री के साथ है. ये आप जो कर रहे हैं वो भारत के लोगों का अपमान है. अगली बार आपकी इतनी सीटें भी नहीं आएंगी. जब बीजेपी विपक्ष में थी, हमने आपका सम्मान किया. दो-दो बार देश के चुने हुए प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं कर रहे हो. ये देश की जनता का अपमान है. शाह ने कहा कि लेकिन चिंता नहीं करें. मोदी जी 300 से अधिक सीटों के साथ एक बार फिर 2024 में सत्ता में लौट रहे हैं.

Advertisement

बता दें कि कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.

मणिपुर का दौरा करेंगे अमित शाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह का कहना है कि वह जल्द ही हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि वह हिंसाग्रस्त राज्य में शांति स्थापित करने के लिए मणिपुर के लोगों से बात भी करेंगे. उनका यह बयान मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनजर आया है.

शाह फिलहाल असम दौरे पर हैं. वह गुवाहाटी में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की आधारशिला से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान कहा कि वह मणिपुर में तीन दिनों तक रुकेंगे.

कोर्ट के फैसले के बाद भड़की थी हिंसा

अमित शाह ने कहा कि मैं कुछ दिनों बाद मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिनों तक रुकूंगा. राज्य में शांति बहाली के लिए वहां के लोगों से बात भी करुंगा. 

मणिपुर में हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि कोर्ट के एक फैसले के बाद मणिपुर में हिंसा भड़की थी. मैं दोनों समूहों से अपील करूंगा कि उन्हें शांति बनाए रखनी चाहिए. सभी के साथ न्याय होगा.

Advertisement

कब से जल रहा है मणिपुर?

- तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला. ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई. 

- इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. 

- तीन मई की शाम तक हालात इतने बिगड़ गए कि राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी. बाद में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को वहां तैनात किया गया.

- ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी. मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग हो रही है. 

- पिछले महीने मणिपुर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने एक आदेश दिया था. इसमें राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. इसके लिए हाईकोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है. 

- मणिपुर हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद नगा और कुकी जनजाति समुदाय भड़क गए. उन्होंने 3 मई को आदिवासी एकता मार्च निकाला.

Advertisement
Advertisement