कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के आवास पर ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए पहुंचे हैं. उनके साथ सीएम बसवराज बोम्मई और बीजेपी नेता अरुण सिंह भी मौजूद हैं.
येदियुरप्पा के आवास पर चल रही इस मीटिंग में अमित शाह के साथ कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई, बीजेपी महासचिव अरुण सिंह, सांसद नलिन कुमार कटील, कैबिनेट मंत्री गोविंद करजोला और येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र मौजूद हैं.
अमित शाह और येदियुरप्पा की चुनाव की तैयारियों से पहले इस मीटिंग को काफी अहम माना जा रहा है. चुनाव में बीजेपी अपने अनुभवी और सीनियर नेता बीएस येदियुरप्पा को आगे करके मैदान में उतरने का प्लान बना रही है. चुनावों से पहले ही राजनीति से रिटायरमेंट की घोषणा कर चुके 80 साल के येदियुरप्पा राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और बड़े जनाधार वाले प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के बीच खासी पकड़ रखते हैं. पार्टी की टॉप लीडरशिप चाहती है कि येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी बड़ी भूमिका निभाएं.
अमित शाह और येदियुरप्पा की मीटिंग पर बोले विधायक सीटी रवि
वहीं अमित शाह और येदियुरप्पा की मीटिंग को लेकर जब बीजेपी विधायक सीटी रवि से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किचन और डाइनिंग टेबल पर टिकटों का फैसला नहीं लिया जाता है. अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा के आवास पर ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए आए हैं.
कांग्रेस ने येदियुरप्पा को लेकर बीजेपी को घेरा
कर्नाटक कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिंडेंट सलीम अहमद ने येदियुरप्पा को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनसे मजबूरन इस्तीफा लिया गया था. सलीम अहमद ने कहा, "उन्होंने येदियुरप्पा को वर्षों पहले छोड़ दिया था. मुझे उनके आंसू याद हैं. मजबूरन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. अब चुनाव का समय है तो वे उनके पीछे जुटे हुए हैं. बीजेपी में डस्टबिन कल्चर है , उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती के साथ भी ऐसा ही किया. क्या वे येदियुरप्पा को फिर से अपना सीएम बनाएंगे? उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए."