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गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल को असम भेजने की तैयारी, डिब्रूगढ़ जेल में पहले से बंद हैं कई मददगार

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा स्थित रोड़ेवाल गुरुद्वारे में सरेंडर किया है. जहां से पुलिस उसे अमृतसर ले गई है और अमृतसर से सीधा असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा जाएगा. 2500 किलोमीटर दूर इस जेल में पहले से अमृतपाल के तमाम मददगार भी बंद हैं. 

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मोगा के गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह ने किया सरेंडर.
मोगा के गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह ने किया सरेंडर.

भगोड़े खालिस्तानी नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी शनिवार शाम से मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारे में छिपा हुआ था. अमृतपाल के बारे में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसवीर सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी. 

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सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस उसे अमृतसर ले गई है. जहां से आरोपी को सीधे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा जाएगा. इस जेल में पहले से अमृतपाल के तमाम मददगार भी बंद हैं. 

दरअसल, इसी साल 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों संग अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर एक सहयोगी को छोड़ने के मांग को लेकर धावा बोल दिया था. इस मामले से पंजाब पुलिस और सरकार की कड़ी आलोचना हुई थी.

इसके करीब 3 सप्ताह बाद यानी 18 मार्च से घटना के मुख्य आरोपी को पकड़ने की कार्रवाई शुरू हुई. लेकिन भगोड़ा अमृतपाल पुलिस की टीमों को छका रहा था. हालांकि, अब 36 दिन बाद आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है. 

इससे पहले अमृतपाल के संगठन 'वारिस दे पंजाब' के आठ सदस्यों को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा चुका है. पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद चार सदस्यों को डिब्रूगढ़  जेल भेजा था. इसके बाद 21 मार्च को अमृतपाल के रिश्तेदार हरजीत सिंह समेत 3 अन्य को करीब 2500 किलोमीटर दूर डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था. हरजीत के खिलाफ भी NSA के तहत केस दर्ज किया गया था. 

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आपको बता दें कि खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के ‘गुरु’ माने जाने वाले पप्पलप्रीत सिंह को भी बीते 11 अप्रैल को असम की डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था. पप्पलप्रीत को अमृतसर जिले से पकड़कर असम ले जाया गया था. उस पर भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है. 

 

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