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झारखंड से भाग कपल ने केरल में ली शरण, मस्जिद में रचाई शादी, घरवाले बोले- ये लव जिहाद है

UAE में काम करने वाले झारखंड के एक युवक ने अपने दोस्तों से सलाह ली तो उन्होंने केरल जाकर शादी करने को कहा. इसके बाद युवक अपनी प्रेमिका को लेकर केरल के कायमकुलम चला गया और वहां शादी रचा ली.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

झारखंड के रहने वाले एक जोड़े ने केरल में शरण लेकर इस्लामी रीति-रिवाजों से शादी कर ली. लड़की के परिवार और पड़ोसियों ने आरोप लगाया है कि यह 'लव जिहाद' का मामला है. शादी करने वाले युवक और युवती का स्कूल के दिनों से लव अफेयर चल रहा था और दोनों पड़ोसी भी हैं. 

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दरअसल, झारखंड के रामगढ़ जिला स्थित चितरपुर निवासी 30 वर्षीय युवक और 26 साल की युवती बीती 9 फरवरी को आलप्पुझा के कायमकुलम पहुंचे. दावा है कि उन्होंने पहले 11 फरवरी को एक मस्जिद में इस्लामी धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की. बाद में 16 फरवरी को उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ एक स्थानीय मंदिर में फिर से विवाह रचाया. 

बताया गया कि पिछले दिनों UAE में नौकरी करने वाला युवक चितरपुर स्थित अपने घर लौटकर आया तो उसे पता चला कि पड़ोस में रहने वाली प्रेमिका की शादी कहीं और तय हो गई है. इस बीच, इस प्रेमी जोड़े ने घरवालों की मर्जी के बिना शादी करनी चाही तो 'लव जिहाद' के आरोप लगे और विरोध प्रदर्शन होने लगा.

मौत की धमकियां मिलने के बाद युवक ने अपने साथ UAE में काम करने वाले दोस्तों से सलाह ली तो उन्होंने केरल जाकर शादी करने को कहा. इसके बाद युवक अपनी प्रेमिका को केरल भाग गया. उधर, लड़की के परिजनों ने युवक और उसके परिजनों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करवाया. साथ ही नगर में विरोध प्रदर्शन होने लगे.  

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यही नहीं, युवती के परिवार ने दोनों का पीछा किया. परिवार झारखंड पुलिस के साथ केरल आया था, लेकिन युवती वापस जाने के लिए तैयार नहीं हुई. इस पर केरल की कायमकुलम पुलिस ने कहा कि जोड़ा वयस्क है और अपनी मर्जी से रह सकता है, तो फिर रिश्तेदार पुलिस सहित झारखंड लौट गए.  

अब सुरक्षा की मांग करते हुए वकील एस. लता के माध्यम से केरल हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई. इसमें कहा गया है कि प्रेमी जोड़ा 9 तारीख को झारखंड से केरल आया था. 11 तारीख को शादी कर ली. शादी करने के लिए किसी भी तरफ से कोई दबाव नहीं था. पूरी सहमति से शादी की. अपहरण के आरोप में एक झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई है. झारखंड पुलिस 14 तारीख को आई थी और उन्होंने बयान भी दर्ज किए थे. इसके अलावा, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी बयान लिए थे. इसके बावजूद एफआईआर दर्ज की गई. अनुरोध है कि दोनों को झारखंड में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने दिया जाए. 

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