खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पिछले छह दिनों से पंजाब पुलिस ऑपरेशन चला रही है. अब तक उसके 207 समर्थकों को हिरासत में लिया जा चुका है. कुछ लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है. साथ ही अमृतपाल सिंह पर भी एनएसए लगाया जा चुका है.
इस बीच आजतक संवाददाता सतेन्द्र चौहान को खन्ना पुलिस की SSP अमनीत कौण्डल ने ये जानकारी दी है कि अमृतपाल, आनंदपुर खालसा फौज (एकेएफ) के साथ अमृतपाल टाइगर फोर्स भी बना रहा था. इस टाइगर फोर्स में सिर्फ युवाओं को भर्ती करना था जिसमें उसके खासमखास ही भर्ती किए जाने थे.
'खालिस्तान की करेंसी और झंडा'
इसके अलावा अमृतपाल के समर्थकों द्वारा बकायदा खालिस्तान की करेंसी डिजाइन कर ली गई थी. ये बिल्कुल डॉलर की कॉपी की गई है. साथ ही इसमें खलिस्तान का नक्शा भी छपा हुआ है.
'आईएसआई से मदद'
अमृतपाल के खास तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के फोन से पुलिस को काफी चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि अमृतपाल खलिस्तान बनाने के लिए कई देशों से संपर्क में था. इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसको हर मदद दे रही थी.
'हाथों और बाजुओं पर AKF के टैटू'
खबर है कि अमृतपाल ने खालिस्तान की रियासतें भी बना ली थीं, जिनमें सिख रियासत कपूरथला, पटियाला, जींद के झंडे भी डिजाइन कर लिए गए थे. जिस तरह से रेजिमेंट में फौजियो के नंबर लगते है उसी हिसाब से इसने आनंदपुर साहिब खालसा फोर्स और अमृतपाल टाइगर फोर्स के मेंबरों को बेल्ट के नाम से एकेएफ नंबर दिया जाता था. इन लोगो ने अपने हाथों और बाजुओं पर एकेएफ के टैटू बना लिए थे.
'आर्मी तैयार कर रहा अमृतपाल'
इससे पहले शुक्रवार को ही आई खबर के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार किए गए डोजियर में सामने आया था कि अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स (एकेएफ) नाम से अपनी आर्मी तैयार कर रहा है.
बीते दिनों खन्ना पुलिस द्वारा गिरफ्तार तेजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा को लेकर आज एसएसपी खन्ना अमनीत कौंडल ने कई अहम खुलासा किए. गोरखा किसान आंदोलन के दौरान विक्रम खालसा नामक व्यक्ति के जरिये अमृतपाल पाल से मिला था. गोरखा बाबा के मोबाइल से पुलिस को कई संधिग्त वीडियो मिले हैं जिसमें AKF को बनाने और नौजवानों को शामिल कर उन्हे ट्रेनिगं देने तक की वीडियो और फोटो सामने आई है.
नशा छोड़ने आए युवाओं की भी AKF में भर्ती
प्रेस वार्ता दौरान एस एस पी अमनीत कौंडल ने बताया कि गोरखा बाबा से पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए हैं जिसमें AKF के बारे में अहम जानकारियां हासिल हुई हैं, अमृतपाल की तरफ से एक फौज तैयार की गई थी. इसमें उन लोगों को भी शामिल किया जाता था जो नशा छोड़ने आते थे. इस फौज में शामिल व्यक्तियों को पुलिस की तरह बेलेट नंबर भी दिए गए थे. अमृतपाल उन्हें अपनी तरफ से तनख्वाह भी देता था. गोरखा को भी AKF वाला असलहा और बुलेट जैकेट मुहैया करवाई गई थी, पुलिस के हाथ कुछ करंसी नोट के सुराग भी लगे हैं.