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तिरुपति लड्डू विवाद की अब SIT करेगी जांच, मंदिर के शुद्धिकरण के लिए शुरू हुआ महा शांति होम

Tirumala ghee adulteration: तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू विवाद सामने आने के बाद अब मंदिर के शुद्धिकरण के लिए आज महा शांति होम किया जा रहा है. इस होम का आयोजन श्रीवारी (श्री वेंकटेश्वर) मंदिर में बंगारू बावी (स्वर्ण कुआं) यज्ञशाला (अनुष्ठान स्थल) में हो रहा है.

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Tirupati Balaji Mandir (File Photo)
Tirupati Balaji Mandir (File Photo)

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का मामला पूरे देश में तूल पकड़ चुका है. इस बीच मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आदेश के मुताबिक अपवित्रता को ठीक करने के लिए तिरुमाला में आज (सोमवार) को शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण यानी की होम का आयोजन किया जा रहा है. मंदिर के शुद्धिकरण के लिए हो रहे इस होम का आयोजन श्रीवारी (श्री वेंकटेश्वर) मंदिर में बंगारू बावी (स्वर्ण कुआं) यज्ञशाला (अनुष्ठान स्थल) में किया जा रहा है.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इसकी जांच के लिए अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है. सरकार ने जिस SIT का गठन किया है, उसकी निगरानी इंस्पेक्टर जनरल (IG) या इसके ऊपर के स्तर के अधिकारी करेंगे. एसआईटी सभी कारणों की जांच करेगी, जिसमें सत्ता का गलत इस्तेमाल भी शामिल है. जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि सरकार इसे लेकर सख्त कदम उठाएगी, जिससे लड्डू में मिलावट जैसी घटनाएं दोबारा ना हों. 

जगन सरकार ने किया नियमों में बदलाव: नायडू

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि नियमों के मुताबिक घी सप्लायर्स के पास कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए. हालांकि, जगन मोहन रेड्डी के सत्ता संभालने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया. सीएम ने यह भी कहा कि सप्लायर्स के लिए जरूरी टर्नओवर को भी 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया है. नायडू ने सवाल किया कि 319 रुपये प्रति किलो पर शुद्ध घी कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है, जबकि पाम ऑयल भी इससे महंगा है. उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून 2024 से घी की आपूर्ति शुरू कर दी है.

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लैब टेस्ट में चला चर्बी की मौजूदगी का पता

बता दें कि कुछ दिन पहले NDA विधायक दल की बैठक में TDP सुप्रीमो ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्रीवेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. दो दिन बाद, 20 सितंबर को तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD)के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि लैब टेस्ट के नमूनों में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है. बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है. 

तिरुपति लड्डू विवाद में कब क्या हुआ?

जुलाई 2023: केएमएफ ने नंदिनी घी की कीमत बढ़ाई.

जुलाई 2023: नंदिनी ने पुष्टि की कि तिरुपति लड्डू अब उनके घी से नहीं बनाए जाएंगे, क्योंकि टीटीडी ने तमिलनाडु की नई कंपनी को पैनल में शामिल किया है जो सस्ती दर पर घी उपलब्ध करा रही है.इसके बाद, एआर डेयरी फूड (तमिलनाडु स्थित) को लड्डू के लिए घी की आपूर्ति का ठेका मिला जिसके तहत 320 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से घी की सप्लाई की गई.

जून 2024: टीडीपी सरकार ने जेएस राव को टीटीडी कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया.

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जुलाई 2024: एनडीडीबी कैल्फ ने घी के नमूनों पर रिपोर्ट दी, नमूनों में बीफ फैट, मछली का तेल, लार्ड (पशु वसा) सहित मिलावट पाई गई. मिलावट की रिपोर्ट के बाद एआर डेयरी फूड का ठेका रद्द कर दिया गया.

अगस्त 2024: नंदिनी को 470 रुपये प्रति किलोग्राम पर ठेका दिया गया.

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