देश को आज यानी 30 सितंबर 2022 को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिल गया.रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पदभार ग्रहण कर लिया है. 61 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए जब बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) हुई थी, तब वह सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) थे.
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पिछले साल थ्री-स्टार रैंक से रिटायर हुए थे. उस समय वो ईस्टर्न कमांड के प्रमुख थे. सीडीएस बनते ही वो 4-स्टार अफसर बन गए. वो देश के पहले ऐसे अफसर हैं, जो 3-स्टार रैंक पर रिटायर होने के बाद 4-स्टार पर वापस आ रहे हैं. आइए समझते हैं कि सेना में 4 Star और 3 Star रैंक का क्या मतलब होता है.
भारतीय सेना (Indian Army) में 4 स्टार रैंक के सेना प्रमुख यानी जनरल (General) होते हैं. भारतीय सेना का सबसे ऊंचा एक्टिव पोस्ट. इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के साथ एक सितारा और एकदूसरे को क्रॉस करते हुए बैटन और सेबर होते हैं. फोर स्टार जनरल का रैंक तीन स्टार लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक से ऊपर होता है.
जनरल के ऊपर सेना में सिर्फ एक ही पद होता है. वह है फाइव स्टार फील्ड मार्शल. भारतीय सेना में आज तक दो ही फील्ड मार्शल हुए हैं. एक केएम करिअप्पा और दूसरे सैम मानेकशॉ. इनके कंधे पर शेर का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह और उसके नीचे कमल के फूलों के घेरे में क्रॉस बैटन और सेबर होता है. जनरल के रैंक के बराबर वायुसेना में एयर चीफ मार्शल (Air Chief Marshal) और नौसेना में एडमिरल (Admiral) होते हैं.
कंधे पर लगने वाले प्रतीक चिन्ह से ही पदों का अंतर पता चलता है. असल में भारतीय थल सेना (Indian Army) को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. कमीशन किए गए अधिकारी, जूनियर कमिशन अधिकारी और गैर-कमीशन अधिकारी और सैनिक. हर एक की वर्दी (Uniform) पर पद के अनुसार कंधे पर कुछ तारे और प्रतीक चिन्ह होते हैं. कंधों पर लगे बैज पर बने चिन्हों से सेना में पद का पता चलता है. ताकि नीचे के अफसर और स्टाफ उन्हें उपयुक्त सम्मान दे सकें.
जनरल को फुल जनरल या फोर स्टार जनरल के तौर पर पहचाना जाता है. CDS की वर्दी पर लगा प्रतीक चिन्ह आप ऐसे पहचान सकते हैं. सोने के धागों से बना ट्राई-सर्विस प्रतीक चिन्ह, जिसमें नौसेना का एंकर, सेना का तलवार और एयरफोर्स का बाज बना होता है. साथ में अशोक चक्र का चिन्ह होता है. ये चिन्ह कंधे पर होता है. जबकि, कॉलर पर मरून रंग कै पैच होता है, जिसके ऊपर चार गोल्डेन स्टार बने होते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल (Lieutenant General) थ्री स्टार रैंक के अधिकारी होते हैं. 36 साल की कमीशन्ड नौकरी और चयन से मिलता है पद. इसी पद के अधिकारियों को सेना का उप-प्रमुख पद दिया जाता है. इनके कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के नीचे एक दूसरे को क्रॉस करते हुए बैटन और सेबर होते हैं. जनरल के बाद यह सेना का दूसरा सबसे बड़ा पद होता है.
नौसेना में इनके बराबर का पद वाइस एडमिरल (Vice Admiral) और वायुसेना में एयर मार्शल (Air Marshal) का होता है. इनके कॉलर पर क्रिमस्न पैच होता है, जिसपर तीन पांच कोण वाले गोल्डेन स्टार बने होते हैं. जो लेफ्टिनेंट जनरल किसी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (COG-in-C) होते हैं, उनके कॉलर पर तीन स्टार के नीचे एक ओक लीफ (Oak Leaf) बना होता है. ताकि ये पता चल सके कि ये किस स्तर के अधिकारी हैं और इनके जिम्मे एक पूरा का पूरा कमांड है.