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केरल में अवैध तरीके से रह रहा बांग्लादेशी गिरफ्तार, पश्चिम बंगाल के पते पर बनाया था फर्जी आधार कार्ड

केरल में करीब 8 सालों से अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान 37 साल के तपन दास के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के रायसेन जिले का निवासी है. आरोपी को ऑपरेशन क्लीन के तहत पकड़ा गया है. पुलिस के अनुसार, तपन दास एक मछुआरा है, जो आठ साल पहले तैरकर सीमा पार कर पश्चिम बंगाल पहुंचा था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

केरल में पुलिस ने शनिवार को एक और बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है जो पिछले आठ साल से भारत में अवैध रूप से रह रहा था. एर्नाकुलम पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान 37 साल के तपन दास के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के रायसेन जिले का निवासी है.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह गिरफ्तारी एसपी वैभव सक्सेना के नेतृत्व में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत की गई. पुलिस के अनुसार, तपन दास एक मछुआरा है, जो आठ साल पहले तैरकर सीमा पार कर पश्चिम बंगाल पहुंचा था. वहां, उसने 1,000 रुपये देकर एक एजेंट के माध्यम से पश्चिम बंगाल के पते पर आधार कार्ड बनवा लिया. इसके बाद वह केरल आकर बेयपोर और पोनानी में मछली पकड़ने का काम करने लगा.

चार महीने पहले वह मुन्नामबम में स्थायी रूप से बस गया था और एक मछली पकड़ने वाली नाव पर काम कर रहा था. अपनी कमाई का एक हिस्सा वह पश्चिम बंगाल के एक एजेंट को भेजता था, जो पैसे को बांग्लादेश ट्रांसफर करने की व्यवस्था करता था.

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि भारत में रहते हुए तपन दास को किसने सहायता दी और उसे अवैध रूप से यहां बसाने में किन लोगों की भूमिका थी. 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत, पिछले डेढ़ महीने में एर्नाकुलम पुलिस ने अब तक 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

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