कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन खत्म होगा या नहीं, इसे लेकर संशय बरकरार है. राकेश टिकैत आंदोलन के लिए दो अक्टूबर तक का प्लान तैयार रहने की बात कह चुके हैं तो वहीं किसानों की केंद्र सरकार के साथ बातचीत पर भी ब्रेक लग गया है. इस बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत में अहम रोल निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ने किसानों की तरफ से ठोस प्रस्ताव न मिलने का जिक्र किया है. किसान संगठनों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की अंतिम मुलाकात 20 जनवरी को हुई थी.
इस बीच किसानों के साथ बातचीत में सरकार की तरफ से अहम रोल निभाने वाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों और किसानों के मुद्दों को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है. हमारी सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि वो एक फोन कॉल की दूरी पर हैं. उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान किसानों की समस्याओं पर चर्चा होती है. अगर हमने कोई गलती की है तो हमें अवगत कराइए. अगर कृषि कानून से किसानों का नुकसान होने की संभावना है तो बताया जाए हम समाधान के लिए तैयार हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर कोई आपके घर आकर कहे कि आप गलत हो तो स्वाभाविक तौर पर आप गलती जानना चाहेंगे. लेकिन बार-बार गलत कहने से आगे बातचीत करने की संभावना कम हो जाती है. हमारी सरकार की ओर से अगले 18 महीने तक कृषि कानून स्थगित करने का प्रस्ताव भी रखा गया था लेकिन अब तक सरकार को किसानों से कृषि कानूनों पर न तो कोई ठोस प्रस्ताव मिला है और ना ही किसान नेता यह स्पष्ट कर पाए हैं कि यह नया कृषि कानून किस तरह से उनके खिलाफ है.
किसानों की ओर से प्रस्ताव का इंतजार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फिलहाल हम किसानों की ओर से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने किसानों को भ्रमित किए जाने का आरोप भी लगाया. पीयूष गोयल ने कहा कि कोई भी कानून देशभर के लिए बनाया जाता है. किसी एक वर्ग के विरोध के कारण उससे होने वाले लाभ से किसानों के बड़े वर्ग को वंचित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित के लिए ही कृषि कानून बनाया है. विपक्ष किसानों के एक वर्ग को भ्रमित करने में सफल रहा है, लेकिन सरकार उनसे भी बातचीत कर रही है. सरकार की ओर से इन किसानों को तारीख पर तारीख नहीं, बल्कि प्रस्ताव पर प्रस्ताव दिए जा रहे हैं.
आत्मनिर्भर भारत किसानों पर ही निर्भर
पीयूष गोयल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसानों पर ही निर्भर करता है. साल 2021-22 के आत्मनिर्भर बजट में भी किसानों के लिए बहुत सारी योजनाएं रखी गई हैं. देश का विकास किसानों के विकास के बिना संभव नहीं है. उन्होंने 26 जनवरी को लाल किले पर हुए राष्ट्रीय झंडे के अपमान की निंदा करते हुए कहा कि अब हमें आगे बढ़कर समस्याओं के निवारण का प्रयास करना चाहिए.