scorecardresearch
 

ब्रिटिश सरकार की आलोचना करने पर BBC ने स्टार एंकर को किया निलंबित, अनुराग ठाकुर ने उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बीबीसी पर तीखा हमला किया है. प्रसिद्ध एंकर गैरी लिनेकर के विवादित ट्वीट के कारण BBC ने उनकी सोशल मीडिया गितिविधि को ही सस्पेंड कर दिया था. इसे लेकर बीबीसी की सोशल मीडिया पर भी आलोचना हो रही है.

Advertisement
X
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बीबीसी पर निशाना
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बीबीसी पर निशाना

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बीबीसी पर निशाना साधा है. ठाकुर ने बीबीसी के स्टार एंकर गैरी लिनेकर को उनकी सोशल मीडिया से संबंधित गतिविधि के लिए सस्पेंड किए जाने पर सवाल उठाए हैं. ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, 'यह देखना दिलचस्प है कि बीबीसी, जो पत्रकारिता की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बारे में बड़े-बड़े दावे करता है, उसने अपने स्टार एंकर की सोशल मीडिया गतिविधि को ही निलंबित कर दिया.'

Advertisement

ठाकुर ने उठाए सवाल

अनुराग ठाकुर ने बीबीसी द्वारा स्पोर्ट्स एंकर को निलंबित करने वाली दो समाचार रिपोर्ट्स साझा की और कहा कि बीबीसी ने एक और दिलचस्प कदम उठाते हुए एक डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण को इस डर से निलंबित कर दिया कि इससे समाज का एक वर्ग नाराज हो जाएगा. गैरी लिनेकर ने ट्वीट कर नई शरणार्थी नीति की आलोचना की थी. ठाकुर ने कहा कि फेक नैरेटिव सेटिंग और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक रूप से विरोधाभासी हैं.

डॉक्यूमेंट्री हुई थी प्रतिबंधित

बीबीसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जो लोग मनगढ़ंत तथ्यों में जाली दुष्प्रचार में लिप्त हैं, उनसे नैतिकता या पत्रकारिता की आज़ादी के लिए खड़े होने के साहस की उम्मीद नहीं की जा सकती है.' ठाकुर का यह बयान ऐसा समय में आया है जब सरकार द्वारा जनवरी में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया गया था. बीबीसी ने 2002 गुजरात दंगों पर India: The Modi Question डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. केंद्र सरकार ने BBC डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में जमकर बवाल मचा था. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था और बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

Advertisement

उस वक्त विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि डॉक्यूमेंट्री में पक्षपात और निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. इसके विपरीत, बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री का समर्थन करते हुए  इसे 'उच्चतम संपादकीय मानकों के अनुसार कठोर शोध'वाली डॉक्यूमेंट्री कहा था.

बीबीसी दफ्तरों पर हुई थी छापेमारी

आपको बता दें कि पिछले महीने ही आयकर विभाग ने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों पर एक सर्वे किया था.बीबीसी ने इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि बीबीसी के छापे 'सरकारी एजेंसियों द्वारा समाचार संगठनों को डराने और परेशान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने' की एक प्रवृत्ति का हिस्सा बताया था.

 

Advertisement
Advertisement