भाजपा सांसदों ने शुक्रवार को विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति पर उनकी चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है. दरअसल, बांग्लादेश में सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और भारत आ जाने के बाद से कई हिंदु मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से वहां रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
इस बीच लोकसभा के शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर यह आरोप लगाकर हमला करने की कोशिश की कि उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा, "जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, लेकिन साथ ही उन्होंने उनसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा."
ठाकुर ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष के नेता ने अंतरिम सरकार (बांग्लादेश की) को बधाई दी, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया. क्या मजबूरी थी? आपने गाजा के बारे में बात की, लेकिन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के बारे में नहीं."
वहीं ओडिशा के ढेंकनाल से भाजपा सांसद रुद्र नारायण पनी ने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत सरकार को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए. पनी ने कहा, "बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया है और जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें भगवान जगन्नाथ की मूर्ति पर हमला किया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और दर्दनाक है..." उन्होंने पूछा, "हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह मानसिकता क्या है?"
पनी ने कहा कि इससे न केवल ओडिशा के लोगों को बल्कि पूरे भारत के लोगों को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा, "भारत सरकार को बांग्लादेश से बात करनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके."
असम के दरांग-उदलगुरी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने भी बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जताई और सरकार से भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने का आग्रह किया. "भारत चाहता है कि बांग्लादेश में शांति बहाल हो. उन्होंने कहा कि भारत की बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है," उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा उतनी ही मजबूत होनी चाहिए जितनी कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हो.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से भाजपा सांसद बिष्णु पद रे ने कहा, "मेरे पिता 1946 में अपनी जान बचाने के लिए पूर्वी पाकिस्तान से पश्चिम बंगाल आए थे. फिर वे अंडमान चले गए... आज बांग्लादेश में क्या हो रहा है..." उन्होंने कहा, "कांग्रेस, सीपीआई(एम) और टीएमसी को बांग्लादेश में जो हो रहा है उसकी निंदा करनी चाहिए. वे चुपचाप बैठे हैं," उन्होंने कहा कि वे अपने "वोटबैंक" के कारण चुप हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि संसद को बांग्लादेश की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए.