जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित आवास पर गुरुवार को बैठक हुई. इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, रवींद्र रैना, कवींद्र गुप्ता आदि शामिल हुए. बैठक खत्म होने के बाद मुजफ्फर हुसैन बेग ने बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे जनता की परेशानियों को समझते हैं. साथ ही बेग ने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में हटाए गए आर्टिकल-370 और 35-ए पर भी बातचीत हुई. जानिए, बेग ने बैठक के बारे में क्या-क्या बताया...
सवाल: बैठक में क्या हुई बातचीत?
जवाब: बैठक में इकोनॉमिक, सोशल, एजुकेशन, एम्प्लोएमेंट डेवेलपमेंट पर बातचीत हुई.
सवाल: क्या चुनाव पर कोई बातचीत हुई?
जवाब: उन्होंने बताया कि पहले डिलिमिटेशन होगा, उसके बाद ही चुनाव को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा. इसके लिए कमिश्नन है और सरकार नहीं कह सकती कि तीन हफ्ते, दो हफ्ते या तीन महीने में पूरा किया जाए.
सवाल: बैठक के दौरान प्रधानमंत्री का क्या कहना था? कुछ आश्वासन मिला?
जवाब: प्रधानमंत्री ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर की जनता द्वारा सामना की जा रहीं दिक्कतों को समझते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि टकराव के बजाए शांति के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा, वह उसे करेंगे.
सवाल: पाकिस्तान से बात करने की कोई बात हुई?
जवाब: यह बात किसी ने नहीं उठाई. यह तो साफ है कि हम लोगों को पाकिस्तान के साथ दिक्कत है, लेकिन बैठक में बात नहीं उठी.
सवाल: आर्टिकल 370 और 35-ए पर क्या कहा?
जवाब: आर्टिकल 35-ए के बारे में मैंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं करता, तब तक 35-ए की प्रोविजन को आर्टिकल 370 में शामिल किया जाए. यह जमीन और जॉब्स के बारे में है.