आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में घी की जगह फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी वाला तेल उपयोग किए जाने का विवाद बढ़ गया है. मंदिर में AR Dairy कंपनी लड्डू तैयार करने के लिए घी की सप्लाई करती थी, उसने अब सफाई दी है और आरोपों को खारिज किया है. एआर डेयरी प्रोडक्ट्स का कहना है कि मामला जून और जुलाई में सामने आया था, इसे चैलेंज किया गया है.
दरअसल, तिरुपति मंदिर ट्रस्ट ने जुलाई में घी के सैंपल गुजरात की लैब भेजे थे, जिसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई है. अगस्त 2023 में जगन सरकार ने ही तेलंगाना की AR Dairy कंपनी को घी सप्लाई का काम दिया था. इससे पहले कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) की कंपनी नंदिनी ब्रांड घी सप्लाई का काम करती थी. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार पर मिलावटी तेल का इस्तेमाल करवाए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस साल गड़बड़ी सामने आने पर अगस्त में AR डेयरी को ब्लैक लिस्ट कर दिया और नंदिनी ब्रांड को फिर जिम्मेदारी दे दी है.
कंपनी बोली- प्रमाणित होने के बाद ही करते थे सप्लाई
एआर डेयरी प्रोडक्ट्स ने कहा, जून और जुलाई में मामला सामने आया था. हमने तिरुपति मंदिर में 0.1% की भी सप्लाई नहीं की है. स्वीकृति के बाद चार टैंकर (घी) दिए गए. उन्होंने भुगतान किया. पांचवें टैंकर की उन्होंने शिकायत की है. हमने इसे चैलेंज किया है. हम प्रतिष्ठित NAPL लैब में परीक्षण और एगमार्क अथॉरिटी द्वारा प्रमाणित होने के बाद ही टैंकर भेज रहे हैं. मामले को राजनीतिक बनाया जा रहा है. रोजाना 10 टन की जरूरत है. जबकि हम 0.1% भी सप्लाई नहीं कर रहे हैं.
रिपोर्ट में हमारा नाम नहीं, रिजल्ट में अन्य कारण भी बताए
कंपनी ने आगे कहा, जो रिपार्ट आई है, उसमें अन्य कारण भी बताए गए हैं. जैसे- चारा या पशु दवा के कारण भी ऐसा हो सकता है. उस लैब रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ा जाना चाहिए. उस रिपोर्ट में हमारा नाम नहीं है, लेकिन उसमें रिजल्ट के अन्य कारण भी बताए गए हैं. चूंकि, यह क्लोज सब्जेक्ट था और हम इसे टेक्निकल रूप से देख रहे थे. रिपोर्ट के बाद यह फिर गरमा गया है. हम आरोपों को खारिज करते हैं और रिपोर्ट को चैलेंज किया है.
कंपनी के बारे में जानकारी जुटा रहा खाद्य विभाग
इधर, आंध्र प्रदेश के हेल्थ एंड फूड कमिश्नर हरिहरन ने आजतक से बातचीत में कहा, मिलावट मामले में तेजी से जांच की जा रही है. TTD (मंदिर ट्रस्ट) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सैंपल जांच के लिए जाएंगे. मिलावटी सैंपल को पकड़ने की जरूरत है. यह भी पता करना है कि सप्लायर कौन था? उसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट कहां है? घी कहां बनाया गया था? क्या जांचें की गईं? विभाग की ओर से यह सारी जानकारी मांगी गई है. हम निश्चित रूप से जांच के लिए कदम उठा रहे हैं. यह प्रसाद TTD के जरिए श्रद्धालुओं में बांटा गया है. मिलावट के बारे में भी पता लगाने की कोशिश करेंगे.
'खराब गुणवत्ता का था घी...', बोले मंदिर के पूर्व पुजारी
तिरुमाला मंदिर के पूर्व पुजारी रमण दीक्षितुलु कहते हैं, प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गाय के घी में बहुत सारी अशुद्धियां थीं और वो खराब गुणवत्ता का था. मैंने कई साल पहले इस पर ध्यान दिया था. मैंने यह मामला संबंधित अधिकारियों और ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के समक्ष रखा, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. यह मेरे लिए एक अकेली लड़ाई रही, लेकिन अब नई सरकार ने सत्ता संभाल ली है और उन्होंने पहले ही सारी गंदगी साफ करने का वादा किया था. सरकारी डेयरियों से गाय का घी आ रहा है और अब वे शुद्ध घी से सामग्री तैयार कर रहे हैं. मंदिर एक पवित्र जगह है, जिसमें करोड़ों भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी होती है. इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि मंदिर में ऐसे बड़े पाप दोबारा ना हों.
सत्तारुढ़ टीडीपी का दावा है कि मंदिर के ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् को घी सप्लाई में एनिमल फैट और फिश ऑयल की मिलावट की जा रही थी. यही ट्रस्ट प्रसाद के लड्डुओं को बनाने के लिए सभी सामग्री को खरीदती है. फिर इसी ट्रस्ट के वॉलेंटियर्स द्वारा लड्डुओं को तिरुपति मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पहले से निर्धारत कीमतों पर बेचा जाता है.
हाईकोर्ट पहुंची YSR कांग्रेस
तिरुपति के प्रसादम मामले में नया मोड़ आया है. YSR कांग्रेस ने हाईकोर्ट में अर्जी दी और HC की निगरानी में चंद्रबाबू नायडू के दावे की जांच करवाने की मांग की. आंध्र प्रदेश बीजेपी ने भी तत्कालीन जगन मोहन सरकार के वक्त गठित तिरुमला मंदिर बोर्ड पर सवाल उठाए और कहा, हिंदू रीति रिवाज और परंपरा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.