दिल्ली पुलिस करीब साढ़े तीन साल पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीडिंग के आरोप में मनमाने तरीके से काटे गए चालान की रकम लौटाएगी. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में ये स्वीकार किया कि उनके अधिकारियों ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन साल पहले यानी 2019 में सितंबर से 10 अक्टूबर के दौरान ओवर स्पीडिंग को लेकर चालान काटे गए थे. पुलिस ने स्वीकार किया कि ये चालान गलत तरीके से काटे गए थे.
अपने हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने लिखा कि इस अवधि में काटे गए चालान में से जिन लोगों ने जुर्माना भरा है, उनको पूरी रकम लौटाई जाएगी. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर वाहन चलाने की अधिकतम गतिसीमा 70 किलोमीटर प्रति घंटा तय है, लेकिन यातायात पुलिस ने अपनी सोच से कैमरों में 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तय कर धड़ाधड़ गाड़ियों के चालान काटना शुरू कर दिया था.
इसके बाद कुछ लोगों ने कोर्ट का रुख किया. पवन प्रकाश पाठक ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस की मनमानी को चुनौती दी. मुद्दा उठा तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने दखल देकर गतिसीमा पर पुलिस को आइना दिखाया. फिर पुलिस ने चालान रद्द कर दिए. तब मामला उठा कि जिन लोगों ने जुर्माना भर दिया है, उनके लिए क्या किया जाए? इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया.
कोर्ट में जब सवाल जवाब हुए तो पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ. उसके बाद पुलिस ने हलफनामा देकर ये स्वीकार किया कि गलती हुई है. उसे सुधारने के लिए एक सिस्टम डवलप पर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि जुर्माना भर चुके लोगों को पूरी रकम लौटा दी जाए. दिल्ली पुलिस के रुख से उम्मीद है कि जल्दी ही जुर्माने की रकम वाहन चालकों को लौटा दी जाएगी. लेकिन तरीका क्या होगा ये शायद पुलिस कोर्ट में ही बताएगी.