UP News: अमेठी के आरिफ और उसके दोस्त यानी पक्षी सारस को अब कानपुर के चिड़ियाघर में रखा जाएगा. उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने सारस को पकड़ा था. इसके बाद उसे रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार ले जाया गया था. अब पक्षी को कानपुर चिड़ियाघर में भेज दिया गया है. चिड़ियाघर में सारस को 15 दिन के लिए एकदम से एकांतवास में रखा जाएगा.
कानपुर चिड़ियाघर के डॉक्टर अनुराग सिंह का कहना है कि डायरेक्टर केके सिंह के निर्देश पर सारस पक्षी को अभी 15 दिनों तक एकांत में रखा जाएगा ताकि उसका स्ट्रेस कम किया जा सके. बता दें कि कानपुर चिड़ियाघर में काफी सारस हैं और उनके लिए अलग-अलग बाड़े हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कानपुर में सारस पूरी तरह सुरक्षित है और नॉर्मल हो जाएगा.
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दरअसल, आरिफ और सारस की दोस्ती की चर्चा हर जगह है. अमेठी के जामो विकासखंड के मंडखा गांव निवासी आरिफ सोशल मीडिया पर तब चर्चा में आ गए, जब एक सारस पक्षी के साथ उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगीं. दोनों की दोस्ती की खूब चर्चा हुई. इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले अमेठी आए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी मंडखा जाकर आरिफ और सारस से जाकर मुलाकात की थी.
इस मामले के चर्चा में आने पर प्रभागीय वनाधिकारी अमेठी डीएन सिंह ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर पक्षी सारस को उसके प्राकृतिक वास समसपुर पक्षी विहार (रायबरेली) में छोड़े जाने की अनुमति मांगी थी.
इस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने प्रभागीय वनाधिकारी अमेठी को सारस को सुरक्षात्मक उपाय के साथ समसपुर पक्षी विहार छोड़ने की अनुमति दी. इसके बाद सारस पक्षी को पशुचिकित्सक, एसडीओ रामवीर मिश्र और क्षेत्रीय वनाधिकारी की टीम ने पक्षी विहार में ले जाकर छोड़ दिया था. लेकिन सारस पक्षी वहां से लापता हो गया था.
दावा किया कि सारस उड़कर नजदीक के बीसैया गांव पहुंच गया था. जहां एक परिवार ने उसको कुत्तों के झुंड से बचाया. इस मामले को लेकर आजतक की टीम समसपुर पक्षी विहार से लेकर 'बीसैया' गांव के गंगादीन के पुरवा तक पहुंची. इसके बाद उस परिवार से खास बातचीत की, जिसने सारस को दाल-चावल, रोटी के साथ मैगी खिलाई थी.
उस परिवार के एक सदस्य ने बताया कि गांव के बाहर कूड़े के पास यह सारस पड़ा था. उसे आवारा कुत्तों ने चारों तरफ से घेर रखा था. हमने पहले से ही आरिफ के दोस्त सारस का वीडियो देखा हुआा था, तो हम उसे पहचान गए. फिर उसे घर लेकर आए और खाना खिलाया. इसके बाद वन विभाग के टीम को फोन किया. फिर समसपुर पक्षी विहार से अधिकारी आकर सारस को अपने साथ ले गए.