भारतीय युवा लगातार विदेशों में नौकरी पाने के झांसे में आकर बड़े रैकेट के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में एक्टिव ऐसे अंतरराष्ट्रीय रैकेट के जाल में सैकेड़ों भारतीय म्यांमार और थाईलैंड में फंस गए हैं. उनके परिवार सरकार से लगातार उन्हें छुड़ाने की गुहार लगा रहे हैं और भारत सरकार भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे ताजा जानकारी दी है. बागची ने बताया है कि म्यांमार से 13 भारतीयों को छुड़ाया गया है. ये भारतीय अंतरराष्ट्रीय जॉब रैकेट के झांसे में आकर फंस गए थे. ये सभी छु़ड़ाए गए भारतीय तमिलनाडु पहुंच गए हैं.
यहां से पिछले महीने 32 को छुड़ाया गया था
बागची ने बताया कि पिछले महीने भी म्यांमार के म्यावड्डी से 32 भारतीयों को छुड़ाया गया था. ये कार्रवाई म्यांमार और थाईलैंड में भारतीय रेस्क्यू मिशन के तहत की गई थी. उन्होंने कहा कि नौकरी पाने के नाम पर विदेशों में फंसे भारतीयों को छुड़ान का लगातार प्रयास कर रहे हैं. म्यांमार के दक्षिण पूर्व में म्यावड्डी इलाका है. यह इलाका थाईलैंड बार्डर पर स्थित है और इसपर म्यांमार सरकार का नियंत्रण नहीं है. इसी इलाके में फंसे भारतीयों को रखा गया है.
उन्होंने बताया कि कुछ भारतीयों को छुड़ाया गया है लेकिन वे अभी म्यांमार अथॉरिटी के पास हैं और जांच चल रही है कि क्या उन्होंने अवैध रूप से घुसपैठ की थी. साथ ही जल्द ही म्यांमार के अधिकारियों से बातचीत कर उन्हें वापस देश लाया जाएगा. बागची ने बताया कि जॉब रैकेट चलाने वाले लोगों की डिटेल्स संबंधित अथॉरिटी को साझा किया गया है. उन पर जल्द एक्शन लिया जाएगा.
म्यांमार के अलावा इन देशों में भी फंसे भारतीय
देश के कई हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय गैंग सक्रिय है जो नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगारों को विदेशों में जॉब दिलाने के नाम पर फंसाते हैं. उन्हें किसी और देश में नौकरी देने का आश्वासन दिया जाता है और ले जाया जाता है किसी और देश में. बागची ने बताया कि म्यांमार के अलावा लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और बैंकॉक जैसे देशों में बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हैं और उनके परिवार लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं. 5 जुलाई को भी ऐसे रैकेट चलाने वालों से सावधान रहने की हिदायत दी गई थी.
ऐसे रैकेट के झांसे में आते हैं भारतीय
भारत-म्यांमार की सीमा करीब 1640 किलोमीटर है. जहां नार्थ-ईस्ट के कई राज्य लगे हैं. इन इलाकों में कई सॉफ्टवेयर कंपनियों के नाम पर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय गैंग के सक्रिय सदस्य यहां जॉब के लिए कैंप लगाते हैं और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सॉफ्टवेयर में काम दिलाने का वादा कर झांसे में लेते हैं. वे भर्ती प्रक्रिया पूरा करने के बाद बिना कागजी कार्रवाई के म्यांमार ले जाते हैं. ऐसे में भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार लोगों को अलर्ट करता रहता है. फिर भी कई लोग यहां से म्यांमार और थाईलैंड समेत कई देशों में फंसे हुए हैं.