आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में इस बार शिरकत की भारत सरकार में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने. बता दें कि हाल ही में देश में कानून मंत्रालय में खास बदलाव किया गया है. अर्जुन राम मेघवाल से पहले इस मंत्रालय को किरेन रिजिजू संभाल रहे थे. लेकिन केंद्र सरकार ने आंतरिक फेरबदल करते हुए राजस्थान के इस कद्दावर नेता को जिम्मेदारी सौंपी. इस कार्यक्रम में उन्होंने बदलाव से लेकर खुद पर बढ़ी जिम्मेदारी को लेकर कई मुद्दों पर खुल कर अपनी बात रखी. कार्यक्रम के होस्ट सुधीर चौधरी ने उनसे सवाल पूछा गया कि चुनाव से कुछ समय पहले ही उन्हें ये मंत्रालय क्यों दिया गया? क्या वे एक्सिडेंटल लॉ मिनिस्टर हैं?
इस सवाल के जवाब में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मैं इस शब्द (एक्सिडेंटल मिनिस्टर) से तो सहमत नहीं हूं. इसके आगे उन्होंने कहा कि यह तो प्रधानमंत्री मोदी का फैसला है. मंत्रालय में फेरबदल करना तो प्रधानमंत्री का अधिकार है. मेरे लिए इन दिनों बढ़ी जिम्मेदारी यह है कि मैं अब इस विभाग को सही ढंग से चलाऊं. हमें केसों की संख्या में कमी लानी है. इसके बाद सुधीर चौधरी ने सवाल पूछा कि इसी फॉर्मेट पर तो किरेन रिजिजू काम कर रहे थे, फिर उन्हें क्यों हटाया गया? इसके जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के साथ हमारे संबंध सौहार्दपूर्ण हैं.
समान नागरिक संहिता को लेकर मेघवाल ने कहा, इसकी चर्चा अभी से नहीं हो रही है, जब से संविधान बन रहा था, तब ये विषय बहुत चर्चा में आया था. बाबा साहब ने भी कहा था कि अब समय है, इस पर चिंतन करना चाहिए. उन्होंने तो संविधान सभा की डिबेट में भी कहा था. क्या देश में सीपीआरपीसी एक्ट लागू नहीं है. क्या प्रॉपर्टी एक्ट लागू नहीं है. क्या ये कानून हिंदुओं पर अलग और मुस्लिम पर अलग लागू हैं. ऐसा नहीं है. हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. लेकिन, वो आर्टिकल 44 नीति निदेशक तत्वों तक ही ला पाए.
मेघवाल ने कहा, लॉ कमीशन के पास भी ये विषय आया था. कुछ राज्यों में इसमें तेजी से काम किया. गोवा में समाज नागरिक संहिता लागू है. उत्तराखंड इस पर एक कमेटी बना चुका है. राज्य भी लगे हुए हैं. लॉ कमीशन ने इस मसले को पब्लिक डोमेन में डाल दिया है. अब पब्लिक क्या सोचती है, उस पर सुझाव दे.
कैसे काम करेंगे अर्जुन राम मेघवाल?
इस सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि हम अगले 10 महीनों में टेक्नोलोजी के साथ काम करेंगे. हम ई-कोर्ट के जरिए मामलों को सुलझाने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही कानून मंत्री ने ट्रैफिक के मामलों का एक उदाहरण भी रखा. पहले ट्रैफिक से जुड़े मामले कोर्ट में जाते थे, लेकिन अब वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से हम तुरंत ही फैसला कर देते हैं. ऐसे ही चेक बाउंस करने के मामलों पर एक साथ फैसला कर सकते हैं. इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के कई मामलों में भी एक साथ फैसला किया जा सकता है.
क्या कैबिनेट में फेरबदल सामान्य था?
आजतक के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने सवाल पूछा कि उनको कानून मंत्री बनाए जाने का फैसला अचानक हुआ. यह कोई कैबिनेट रिशफल तो नहीं था. तो सरकार ने उन्हीं पर भरोसा क्यों जताया? इसके जवाब में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह तो प्रधानमंत्री जी का फैसला था. फैसला लेना उनका काम है और उसपर खरा उतरना हमारा काम है. इसके बाद सवाल पूछा गया कि सरकार और न्यायपालिका के संबंध खराब हो रहे थे, इसलिए यह फेरबदल हुआ और अर्जुन राम मेघवाल को मामला ठंडा करने के लिए लाया गया है? इसके जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र है. हमारी कोशिश रहेगी कि वो स्वतंत्र ही रहे. लेकिन साथ ही हमारी कोशिश रहेगी कि हम न्यायपालिका के साथ सामंजस्य बना रहे.
सरकार के हर फैसले में SC करता है हस्तक्षेप?
इस सवाल के जवाब में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि न्यायपालिका अपना काम कर रही है. उनको अगर लगता है तो वो बिल्कुल हस्तक्षेप कर सकते हैं. साथ ही कार्यपालिका भी अपना काम कर रही है. सब अपने हिस्से का काम कर रहे हैं. लेकिन संविधान सबसे ऊपर है.
रिजिजू ने कहा था कि क्या देश को जज चलांएगे?
किरेन रिजिजू ने कहा था कि कुछ रिटायर्ड जज एक खास लॉबी में ले जाते हैं और ये लॉबी फिर देश के खिलाफ काम करने लग जाती है. इससे जुड़े सवाल पर कानून मंत्री ने कहा कि देश तो संविधान के अनुसार ही चलेगा. सेपरेशन ऑफ पावर हमारे संविधान का हिस्सा नहीं. संविधान ने सभी के लिए रेखाएं खींची हुई हैं.
राजस्थान के सीएम को लेकर भी हुए सवाल
मेघवाल राजस्थान से आते हैं. इसलिए उनसे राजस्थान चुनाव से जुड़े सवाल भी किए गए. कानून मंत्री ने कहा कि 2023 का राजस्थान चुनाव भाजपा जीत रही है. राजस्थान में सीएम का चेहरा कौन होगा? इस सवाल पर मेघवाल बोले कि यह बाद में तय होगा, फिलहाल पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी.
इसके अलावा और भी कई मुद्दों पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपनी बात रखी. सीधी बात के इस पूरे कार्यक्रम को यहां देखें-