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लाइसेंस घोटाला: दिल्ली-जम्मू कश्मीर में 40 जगहों पर CBI की छापेमारी, IAS अफसरों के घर भी शामिल

सीबीआई की ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों द्वारा कथित तौर पर लगभग दो लाख हथियार लाइसेंस जारी करने से संबंधित दो मामलों से जुड़ी है. आरोप है कि अधिकारियों द्वारा रिश्वत के बदले हथियारों के लाइसेंस जारी किए गए. ये लाइसेंस 1 जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2016 तक जारी किए गए थे.

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सीबीआई (फाइल फोटो)
सीबीआई (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियार लाइसेंस जारी करने का मामला
  • सीबीआई ने दो आईएएस अफसरों के घर भी मारे छापे

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शनिवार को Arms licence Scam (शस्त्र लाइसेंस घोटाला) में दिल्ली और जम्मू कश्मीर में 40 ठिकानों पर छापे मारे. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हजारों हथियार लाइसेंस जारी करने से जुड़ी है.

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एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई ने जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला और दिल्ली में कई ठिकानों पर छापे मारे. सीबीआई द्वारा जारी बयान में बताया गया कि हथियार लाइसेंस रैकेट से जुड़े इस मामले में आईएएस समेत अन्य अधिकारियों के सरकारी-आवासीय परिसरों और 20 गन हाउसेस में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. 

दो आईएएस अधिकारियों के आवासों पर पड़े छापे
अधिकारियों के मुताबिक, दो आईएएस अफसरों शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार के आवासों पर छापे मारे गए. शाहिद इकबाल चौधरी श्रीनगर के पूर्व डिप्टी कमिश्नर हैं. इस मामले में सीबीआई ने 2019 दिसंबर में भी श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा में दर्जनों ठिकानों पर छापे मारे थे. इनमें कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा, पुलवामा और तत्कालीन जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों के आवास भी शामिल थे. 
 
क्या है मामला?
सीबीआई की ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों द्वारा कथित तौर पर लगभग दो लाख हथियार लाइसेंस जारी करने से संबंधित दो मामलों से जुड़ी है. आरोप है कि अधिकारियों द्वारा रिश्वत के बदले हथियारों के लाइसेंस जारी किए गए. ये लाइसेंस 1 जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2016 तक जारी किए गए थे. 

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