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अरुणाचल प्रदेश में आर्मी का चीता हेलिकॉप्टर क्रैश, तलाशी अभियान जारी

अरुणाचल प्रदेश में आर्मी का एक हेलिकॉप्टर 'चीता' दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. आज सुबह 09:15 बजे इस हेलीकॉप्टर ने बोमडिला के पास से ऑपरेशनल उड़ान भरी और कुछ ही देर बार इसका एटीसी से संपर्क टूट गया. बाद में खबर आई की यह दुर्घटना का शिकार हो गया है.

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फाइल फोटो (ट्विटर)
फाइल फोटो (ट्विटर)

अरुणाचल प्रदेश में आर्मी का एक हेलिकॉप्टर 'चीता' दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. खबर के मुताबिक, आज सुबह लगभग 09:15 बजे इस हेलिकॉप्टर ने अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास ऑपरेशनल उड़ान भरी और इसके कुछ देर बाद ही हेलिकॉप्टर का एटीसी से संपर्क टूट गया. बाद में इसके बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई. फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है और जल्द ही विस्तृत जानकारी मिलने की संभावना है.

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2022 में तवांग में हुआ था हेलिकॉप्टर क्रैश
यह पहली बार नहीं है जब अरुणाचल प्रदेश में चीता हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ हो, अक्टूबर 2022 में भी तवांग में इसी तरह का हादसा हुआ था. तब आर्मी का चीता हेलिकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें सवार दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी. जिस पायलट की इस दुर्घटना में मौत हुई थी उसका नाम कर्नल सौरभ यादव था जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

उठते रहे हैं सवाल

आपको लगा दें कि चीता हेलीकॉप्टर 60 साल पुराना है. लगातार दुर्घटनाओं का शिकार बन रहे इस हेलीकॉप्टर को लेकर अतीत में भी सवाल उठते रहे हैं. 2007 में यूपीए सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे ए. के. एंटनी ने चीता हेलिकॉप्टर को लेकर तब कहा था कि ‘ये पुरानी मशीनें अब सेना की जरूरतों को पूरा नहीं करती हैं, अब इन्हें बदल देना चाहिए.’ इसे मूलतः फ़्रांसीसी कंपनी एरोस्पेटियैल ने बनाया है. सिंगल इंजन वाला ये हेलिकॉप्टर एक समय में 5 लोगों को लेकर उड़ान भर सकता है. हल्के वजन की इस हेलीकॉप्टर की खासियत ये है कि यह सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में आसानी से उड़ान भरकर सामान पहुंचा सकता है. कारगिल युद्ध के दौरान भी यह अहम भूमिका निभा चुका है.

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