भारत की खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए पाकिस्तान नए-नए हथकंडे अपना रहा है. शुक्रवार को मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा साझा किए गए इनपुट के आधार पर बिहार के रहने वाले एक 36 साल के युवक को गिरफ्तार किया गया है जो हनी ट्रैप में फंसकर खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था. आरोपी का नाम भक्तबंशी झा है जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सैन्य जानकारी दे रहा था. उसे कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है.
बता दें कि बीते साल अक्टूबर के महीने में भक्तबंशी झा दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय कूरियर कंपनी के लिए कूरियर डिलीवरी मैन के रूप में काम करते हुए फेसबुक पर एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के संपर्क में आया था.
'आरुषि शर्मा' बनकर पाकिस्तानी एजेंट ने की बात
पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव ने उससे 'आरुषि शर्मा' नाम के फेक फेसबुक प्रोफाइल के जरिए दोस्ती की थी. उसने लड़की बनकर सोशल मीडिया पर भक्तबंशी झा से बात की और फिर उनकी दोस्ती हो गई. जल्द ही दोनों इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन- व्हाट्सएप पर बात करने लगे.
'आरुषि शर्मा' एक भारतीय मोबाइल नंबर के जरिए व्हाट्सएप अकाउंट का इस्तेमाल कर रही थी. इसके बाद, दोनों ऑडियो/वीडियो कॉल पर अश्लील बातें करने लगे. भक्तबंशी झा के पकड़े जाने से कुछ घंटे पहले तक भी दोनों के बीच ऐसी ही बातें हो रही थी.
बहन को पत्रकार बताकर ली सीक्रेट इन्फोर्मेशन
पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (आरुषि) ने भक्तबंशी झा को बताया था कि उसकी बहन डिफेंस जर्नलिस्ट है और एक न्यूज आर्गेनाइजेशन में काम करती है. वो सारी जानकारी उसी के लिए मांग रही है. 'आरुषि' ने भक्तबंशी को एक एप्लिकेशन, "नेट कैमरा" इंस्टॉल करने के लिए कहा था, जो इसके माध्यम से क्लिक की गई तस्वीरों को उसके लोकेशन के साथ टैग करता था.
भक्तबंशी ने 'आरुषि' के कहने पर उस एप्लिकेशन का उपयोग करके मार्च के महीने में दिल्ली में सैन्य ठिकानों की कई तस्वीरें खींची थीं. उन्होंने इन तस्वीरों को 'आरुषि' के साथ शेयर भी किया था. इस मामले से जुड़ी एजेंसियों का मानना है कि भक्तबंशी ने कई मौकों पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एक पुरुष अधिकारी से भी बात की, जिसे 'आरुषि के पिता' के रूप में पेश किया गया था.
आरोपी ने मुहैया कराया भारतीय सिम
जांच में ये भी पता चला कि 'आरुषि' और उसके तथाकथित पिता ने भारतीय नंबर से व्हाट्स एप चलाने के लिए भक्तबंशी से पहले से एक्टिव सिम कार्ड की व्यवस्था करने के लिए कहा था. कूरियर फर्म में काम करने के दौरान कोलकाता ट्रांसफर होने के बाद आरोपी ने पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव को ये सुविधा भी मुहैया कराई थी.
शुक्रवार को, भक्तबंशी झा को मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस के एसटीएफ कार्यालय में बुलाया गया था. पूछताछ के दौरान उसके मोबाइल फोन से फोटो, वीडियोग्राफ, ऑनलाइन चैट आदि के रूप में कई गुप्त जानकारी मिली, जिसे आरोपी ने पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के साथ साझा किया था.
एसटीएफ ने आरोपी को किया गिरफ्तार
आरोपी को भारतीय आधिकारिक गुप्त सूचना अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत स्पेशल टास्क फोर्स ने कोलकाता में कंपनी के कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया. उसे 26 अगस्त को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा.
कोलकाता एसटीएफ और अन्य एजेंसियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ उसकी संलिप्तता से संबंधित सभी पहलुओं का पता लगाने और उसकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मामले की आगे की जांच कर रही हैं.
ऐसा माना जाता है कि भक्तबंशी झा की गिरफ्तारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए एक झटका है और इससे भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालने वाली महत्वपूर्ण जानकारी के लीक को रोका जा सकेगा. बाद में ये जानकारी भी सामने आई कि उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल में खुद को एक भारतीय मीडिया संस्थान में एनालिस्ट बताया था.