सुप्रीम कोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री ने अपने रिश्तेदारों की कंपनियों को सरकारी ठेकों का आवंटन किया था. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इन आरोपों की एसआईटी जांच के लिए आदेश जारी करने की मांग की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय (MHA) और वित्त मंत्रालय से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह राज्य की स्थिति को दर्शाता है, जहां मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी को कई ठेके दिए गए. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा, जिसमें सभी आवंटित ठेकों की जानकारी देनी होगी.
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पेमा खांडू के बचाव में वकील ने क्या दलील दी?
राज्य और पेमा खांडू की तरफ से पेश वकील ने कहा कि यह याचिका सत्ता का गलत इस्तेमाल है और इसका उद्देश्य राजनीतिक है. वकील ने आगे बताया कि हाई कोर्ट द्वारा इस तरह की कई याचिकाओं का पहले भी निपटारा किया गया है. कोर्ट ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करना जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट ने CAG को भी अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और कहा कि सही विभाग मंत्रालय का जवाब भी सुनिश्चित किया जाए. अदालत ने निर्देश दिया कि गृह और वित्त मंत्रालय इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें.
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ठेके हासिल करने वालों की सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अरुणाचल प्रदेश सरकार हलफनामा दाखिल कर उन कंपनियों और लोगों की जानकारी दे, जिन्हें ठेके दिए गए. केंद्र सरकार को भी अगले पांच हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद याचिकाकर्ता को तीन सप्ताह का समय दिया जाएगा, जब वे अपना जवाब दाखिल कर पाएंगे. इस मामले की अब अगली सुनवाई 21 जुलाई के लिए शेड्यूल की गई है.