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विपक्ष की महाबैठक में अरविंद केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला भिड़े, तो शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कहा- हमसे सीखो!

AAP ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच समझौता है कि जब दिल्ली सेवा अध्यादेश संसद में लाया जाएगा तो कांग्रेस वॉकआउट करेगी. आम आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश के खिलाफ सभी दलों का समर्थन मांगा है. 

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विपक्षी बैठक के दौरान आपस में भिड़े नेता
विपक्षी बैठक के दौरान आपस में भिड़े नेता

पटना में विपक्षी एकजुटता को लेकर शुक्रवार को एक बैठक रखी गई. लेकिन शुरू होते ही यह बैठक नेताओं की आपसी लड़ाई की भेंट चढ़ गई. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सभी दलों के नेता एक साथ आए और कुछ मुद्दों पर तकरार हो गई. AAP ने विपक्षी एकता बैठक में कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. AAP ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच समझौता है कि जब दिल्ली सेवा अध्यादेश संसद में लाया जाएगा तो कांग्रेस वॉकआउट करेगी. आम आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश के खिलाफ सभी दलों का समर्थन मांगा है. 

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उमर अब्दुल्ला ने जताया ऐतराज

इस बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल को असहज कर दिया. केजरीवाल ने इस बैठक में कहा कि केंद्र के लाए अध्यादेश का हम विरोध कर रहे हैं और बाकी दलों को इस मुद्दे पर हमारा समर्थन करना चाहिए. जैसे ही केजरीवाल ने यह बात कही, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था, तब तो आपकी पार्टी ने हमारा समर्थन नहीं किया था और संसद में सरकार का साथ दिया था.

उमर अब्दुल्ला ने इस बैठक के दौरान केजरीवाल को धारा 370 पर केजरीवाल का स्टैंड साफ नहीं रहने की याद दिलाई. 

बैठक में इस मनमुटाव को सुलझाने के लिए शरद पवार और उद्धव ठाकरे आगे आए. केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा तो पवार और ठाकरे दोनो नेताओं ने बीचबचाव किया. उन्होंने कहा विपक्षी दलों को एक साथ आना होगा और आपसी मतभेद दूर करने होंगे. 

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ठाकरे और पवार बोले, हमसे सीखें

AAP बनाम कांग्रेस के मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए शरद पवार ने एनसीपी और उद्धव ठाकरे का संदर्भ दिया. उन्होंने कहा, 'हम पिछले 25 वर्षों से एक-दूसरे की आलोचना कर रहे थे, लेकिन हमने हर मतभेद को एक तरफ रख दिया और अब हम एक साथ काम कर रहे हैं.' इसी तर्ज पर उद्धव ठाकरे ने भी कहा, अब समय आ गया है कि मतभेद भुलाकर एक साथ आएं.

TMC चोरों की पार्टी है- अधीर रंजन चौधरी

इस बैठक में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के रवैये पर ऐतराज जताया. कांग्रेस की तरफ से ममता सरकार के खिलाफ धरना दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई गई. ममता बनर्जी ने इस दौरान कहा कि सबको बड़ा दिल दिखना होगा. आपस में लड़ेंगे तो बीजेपी को फायदा होगा. एक ओर जहां ममता बनर्जी ने कांग्रेस के रवैये पर एतराज जताया. तो पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने मुर्शिदाबाद से TMC को चोरों की पार्टी बताया. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, साफ-साफ सुन लीजिए. पश्चिम बंगाल में ममता की जी हुजूरी कर कांग्रेस ने कभी राजनीति नहीं की है और ना करेगी. कांग्रेस नेता ने स्पष्ट कहा कि तृणमूल कांग्रेस चोरों की पार्टी है.  

अब दूसरे चरण में चुना जाएगा संयोजक

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विपक्ष की इस बैठक के दौरान सभी दल बीजेपी को 2024 में रोकने के लिए सहमत दिखाई दिए. इस दौरान विपक्षी गठबंधन के लिए किसी को संयोजक बनाने की भी जरूरत महसूस की गई. इसका फैसला बैठक के अगले चरण में लिया जाएगा. इस बैठक का अगला चरण शिमला में दो दिनों के लिए आयोजित होगा. इस दौरान किसी एक नेता को संयोजक चुना जाएगा. बता दें कि नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा तेज है. 

महाबैठक में 27 नेता हुए हैं शामिल

पटना में चल रही इस महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए हैं. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ'ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं.

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