scorecardresearch
 

केजरीवाल की याचिका पर आज SC सुनाएगा फैसला, शराब घोटाले मामले में गिरफ्तारी को दी है चुनौती

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस पर फैसला सुनाएगी. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद और केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले दर्ज किए गए गवाहों के बयानों को देखना चाहते हैं.

Advertisement
X
अरविंद केजरीवाल-फाइल फोटो
अरविंद केजरीवाल-फाइल फोटो

शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है. शराब घोटाले में ईडी की तरफ से हुई गिरफ्तारी को केजरीवाल ने चुनौती दी है. 

Advertisement

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस पर फैसला सुनाएगी. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद और केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले दर्ज किए गए गवाहों के बयानों को देखना चाहते हैं.

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि हवाला लेनदेन के लेकर और सबूत पाए गए थे. साथ ही वॉट्सऐप चैट का भी पता लगाया गया था.

केजरीवाल को पहली बार 10 मई को मिली थी जमानत

सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद उन्होंने 2 जून को सरेंडर कर दिया था.

Advertisement

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. दिल्ली के कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

क्या है दिल्ली शराब घोटाला

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था. नई पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई थीं. दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी.

हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही और जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया. कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया. इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया. मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था. मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था. आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

Live TV

Advertisement
Advertisement