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दिल्ली के अफसर ने कहा- सीक्रेट फाइलें गायब, सरकार बोली- वो यहां के वानखेड़े हैं

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन में भ्रष्टाचार की जांच कर रहे विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर का दावा है कि उनके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था. केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन सहित सभी संवेदनशील दस्तावेज गायब थे. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच बढ़ते गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन में भ्रष्टाचार की जांच कर रहे विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर से सरकार से सारा काम वापस ले लिया था. इस बीच अब राजशेखर ने एक सनसनीखेज दावा किया है.

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उन्होंने दावा किया है कि मंगलवार तड़के तीन बजे उनका कमरा खुला हुआ था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन सहित सभी संवेदनशील दस्तावेज गायब थे. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है.

उन्होंने पत्र में दावा किया है कि ऐसा हो सकता है कि गोपनीयता का उल्लंघन हुआ हो और सबूतों से छेड़छाड़ की गई हो. उन्होंने साथ में यह भी आशंका जताई है कि उनके कमरे में जासूसी उपकरण लगाए हों.

रिपोर्ट के मुताबिक, राजशेखर के मुताबिक उनके कमरे से जो फाइलें गायब हुई हैं, उनमें शराब घोटाले से जुड़ी हुई फाइल. मुख्यमंत्री आवास की टेंडर फाइल. आवास के रेनोवेशन से जुड़ी फाइल और मुख्यमंत्री आवास का निरीक्षण करचुके लोगों की तस्वीरें गायब बताई गई हैं.

वह दिल्ली के वानखेड़े हैं

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राजशेखर के आरोपों पर अब दिल्ली सरकार का बयान आया है. सरकार का कहना है कि वह एक भ्रष्ट अधिकारी हैं. वह दिल्ली सतर्कता आयोग के वानखेड़े हैं. उन्हें एलजी ने सतर्कता विभाग में कैसे नियुक्त किया, इसकी भी जांच होनी चाहिए. वह सीएनजी किट घोटोले के मुख्य आरोपी हैं और सीबीआई ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है. उनके खिलाफ कई शिकायतें आई हैं कि वह पैसों की डिमांड करते हैं. 13 मई को आदेस जारी कर आधिकारिक तौर पर उनके कामों को उनसे वापस ले लिया गया. अगर उनसे आधिकारिक तौर पर काम वापस ले लिया गया है तो उनके पास अभी तक फाइलें कैसे हैं?

बता दें कि सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 13 मई को राजशेखर के खिलाफ जबरन वसूली रैकेट चलाने की शिकायतों का हवाला देते हुए अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया था. 

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