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'सिर्फ दिल्ली की लड़ाई नहीं', केंद्र के अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात

केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों से समर्थन जुटाने में लगे हैं. वे इस कोशिश में हैं कि संसद में इस मुद्दे को उठाया जाए. इसी क्रम में केजरीवाल ने बुधवार को मुंबई जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.

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उद्धव ठाकरे से मिले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
उद्धव ठाकरे से मिले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. केजरीवाल की यह मुलाकात दिल्ली में नौकरशाहों के तबादलों और नियुक्तियों पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अपने लिए समर्थन जुटाने को लेकर थी. मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने AAP को अपना समर्थन दिया है और अब उद्धव गुट के नेता संसद में अध्यादेश का विरोध करेंगे.

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मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, 'उद्धव ठाकरे ने हमें परिवार का सदस्य बनाया. हम संबंध रखने में भी विश्वास करते हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, यह रिश्ता आजीवन रहेगा.' केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा और दिल्ली की मंत्री आतिशी भी थीं. 

सुप्रीम कोर्ट में विश्वास नहीं करती केंद्र सरकार

इस मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, '2015 में हमारी सारी शक्तियां छीन ली गईं और आठ साल तक हमने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी. लेकिन जिस दिन सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया, केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर हमारी शक्ति ले ली. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वे सुप्रीम कोर्ट में विश्वास नहीं करते हैं.'

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

केंद्र ने एक अध्यादेश के जरिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार से दिल्ली में नौकरशाहों पर से नियंत्रण हटा लिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि नौकरशाहों के तबादलों और नियुक्तियों पर दिल्ली सरकार का अधिकार है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे. केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, 'उनके नेता जजों को गाली देते हैं. उनके लोग सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ अभियान चलाते हैं. यह अध्यादेश स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला लेगा, वे उसे स्वीकार नहीं करेंगे.'

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विपक्षी एकजुटता की ओर कदम बढ़ा रहे केजरीवाल

शिवसेना में विभाजन और महाराष्ट्र में उद्धव के नेतृत्व वाली सरकार के पतन का उदाहरण देते हुए, केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने सरकार को गिराने के लिए धन बल और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया. केजरीवाल ने आगे कहा, या वे एक अध्यादेश लाएंगे और सत्ता छीन लेंगे. उन्होंने दिल्ली में भी ऑपरेशन कमल किया था, लेकिन वे असफल रहे. दिल्ली के लोगों की मदद करने और हमें समर्थन देने के लिए मैं शिवसेना (यूबीटी) का शुक्रगुजार हूं. यह सिर्फ दिल्ली की नहीं बल्कि पूरे देश की लड़ाई है. हम सभी को मिलकर लड़ना है.'

'केंद्र सरकार को कहें विपक्ष'

इस बीच, उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम सभी देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे लगता है कि हमें विपक्षी दल नहीं कहा जाना चाहिए. वास्तव में, उन्हें (केंद्र को) विपक्ष कहा जाना चाहिए क्योंकि वे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ हैं.'

केजरीवाल के साथ मातोश्री गए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली में आप सरकार के साथ एल-जी वीके सक्सेना की खींचतान का जिक्र करते हुए कहा कि चुने हुए लोग सरकार नहीं चला रहे हैं. मान ने कहा, 'अगर वे [भाजपा] 2024 में सत्ता में वापस आते हैं, तो वे संविधान को बदल देंगे. उन्होंने सब कुछ बेच दिया. वे न्यायपालिका को परेशान कर रहे हैं. इसलिए, हम यहां उद्धव जी से हमारा समर्थन करने का आग्रह करते हैं.'

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केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ AAP की लड़ाई के लिए समर्थन जुटाने के अपने प्रयास के तहत कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी. बता दें कि इसके बाद गुरुवार को अरविंद केजरीवाल शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे. 

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