दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी को लेकर बुधवार को एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए चीफ जस्टिस की सराहना भी की.
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम अदालतों को मंदिर की तरह मानते हैं. न्याय देना भगवान का काम है. न्याय भगवान देता है. इस तरह जब जज कुर्सी पर बैठकर फैसला सुनाता है तो हम मानते हैं कि भगवान फैसला सुना रहा है. कल सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ, उससे ऐसा लगा कि कोर्ट के अंदर भी श्रीकृष्ण मौजूद थे. ऐसा लगा जैसे वहां सुप्रीम कोर्ट के अंदर भगवान मौजूद थे. ऐसा लगा जैसे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के अंदर भगवान बोल रहे थे. हम इस सदन के माध्यम से अदालत का आभार जताते हैं, जिन्होंने इतने कठिन समय में जनतंत्र को बचाने का काम किया है.
केजरीवाल ने कहा कि इस घटनाक्रम से एक साफ-साफ संदेश गया है कि बीजेपी चुनाव जीतती नहीं है बल्कि बीजेपी चुनाव चोरी करती है.
केजरीवाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन के जरिए पूरी सृष्टि को यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म को कुचला जाएगा और जब-जब अधर्म बहुत ज्यादा हो जाएगा. तब-तब मैं उत्पन्न होऊंगा और अवतार लूंगा. मानव इतिहास में कई ऐसे मौके आते हैं, जब अधर्म बहुत ज्यादा हो जाता है. लोगों को लगने लगता है कि सच्चाई से कुछ नहीं होगा. अच्छे लोग उम्मीद खो बैठते हैं. ऐसी स्थिति के लिए भगवान ने भरोसा दिया है कि वो मानव जाति के उत्थान के लिए अवतार लेंगे.
देश को पाकिस्तान बनाकर रख दिया है
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों ने हमारे देश को पाकिस्तान बना दिया है. चंडीगढ़ में रिटर्निंग ऑफिसर ने वोट में गड़बड़ी कर जीतने वाले को हरा दिया और हारने वाले को जिता दिया. पाकिस्तान में भी तो यही हुआ था. रावलपिंडी के उस इलेक्शन कमिश्नर की आत्मा जाग गई और उसने बताया कि जो जीत रहे थे, उन्हें हरा दिया है.
केजरीवाल ने कहा कि आज खुलेआम विधायकों को खरीदा जा रहा है. हमारे विधायकों को 25 करोड़ रुपए ऑफर किए गए. करोड़ों रुपए के काले धन से विधायकों को खरीद कर खुलेआम सरकार गिराई जा रही है. धर्म से लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का क्या है मामला?
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं. और एक यहां की सांसद किरण खेर का वोट भी है. इस तरह से कुल 36 वोट हैं. मेयर चुनाव में जीत के लिए 19 वोट की जरूरत है.
बीजेपी के पास अपने 14 पार्षदों और एक सांसद को मिलाकर कुल 15 वोट थे. जबकि, आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. अकाली दल के एक पार्षद ने भी बीजेपी को समर्थन दिया था.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाया था. जबकि, बीजेपी की ओर से मनोज सोनकर थे. कुलदीप कुमार को 20 और मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे.
लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कुलदीप कुमार को मिले 20 में से 8 वोटों को अवैध करार दे दिया. इस तरह से कुलदीप कुमार के 12 और मनोज सोनकर के 16 वोट हो गए.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर फैसला देते हुए आप और कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया था.