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SC पहुंचते ही CJI चंद्रचूड़ ने लिफ्टमैन के अभिवादन में जोड़े हाथ, जीत लिया हर किसी का दिल

राष्ट्रपति भवन से सुप्रीम कोर्ट पहुंचते ही CJI चंद्रचूड़ ने कार से उतरते ही लिफ्टमैन का भी अभिवादन हाथ जोड़ कर किया. फिर कोर्ट की फाइलें लाने के जाने वाले कर्मचारियों के अभिवादन का जवाब भी दिया. इसके बाद उन्होंने कोर्ट परिसर में स्थित बापू की ध्यानमग्न प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की.

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देश के 50वें CJI बने डी वाई चंद्रचूड़
देश के 50वें CJI बने डी वाई चंद्रचूड़

देश के 50वें CJI के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ ने बुधवार को शपथ ली. साथ ही चीफ जस्टिस के तौर पर अपने पहले ही दिन डी वाई चंद्रचूड़ आम आदमी के लिए मजबूती से खड़े दिखे. CJI के रूप में अपने कार्यकाल के पहले ही दिन उन्होंने एक सफाई कर्मचारी के खिलाफ सरकार की अपील पर फटकारते हुए कहा कि ये क्या हो रहा है? केंद्र सरकार एक सफाईकर्मी के खिलाफ अपील में यहां तक आई है? इतनी शक्तिशाली सरकार और एक अदने से सफाई कर्मचारी के खिलाफ यहां तक आ गई? यह खेदजनक है.

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यह मामला तो कोर्ट में आने के बाद सामने आया. लेकिन सबका ध्यान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की ओर सुबह तब भी गया जब राष्ट्रपति भवन से सुप्रीम कोर्ट पहुंचते ही उन्होंने कार से उतरते ही लिफ्टमैन का भी अभिवादन हाथ जोड़ कर किया. फिर कोर्ट की फाइलें लाने के जाने वाले कर्मचारियों के अभिवादन का जवाब भी दिया. इसके बाद उन्होंने कोर्ट परिसर में स्थित बापू की ध्यानमग्न प्रतिमा तक पहुंचने से पहले ही अपने नए कार्यकाल का मकसद और मतलब स्पष्ट शब्दों में बता दिया कि वो आम आदमी के हित में काम करेंगे.

बापू को अर्पित की पुष्पांजलि

पचासवें मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने इस गरिमामय पद की स्वर्ण वैजयंती यानी पचासवें पायदान पर सुनहरी शुरुआत के साथ कदम बढ़ाते हुए नई पारी का शुभारंभ भी नए अंदाज में किया है. उन्होंने बापू को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए एक संभावित परंपरा की नींव रखी. राष्ट्रपति भवन में भव्य शपथ ग्रहण के बाद सीजेआई के तौर पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जस्टिस चंद्रचूड़ ने पहले राष्ट्रपिता को नमन कर माल्यार्पण किया.

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काम शुरू करने से पहले किया ये काम

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में बापू की इस ध्यानमग्न प्रतिमा को स्थापित हुए 26 साल हो गए. 1 अगस्त 1996 को तब के चीफ जस्टिस ए एम अहमदी ने इसका अनावरण किया था. ये प्रतिमा शिल्पी फ्रेडा ब्रिलिएंट मार्शल ने गढ़ी और न्यायविद भारतीय राजनयिक डॉक्टर लक्ष्मी मल्ल सिंघवी ने स्थापित करवाई. इतने वर्षों में ये पहला मौका रहा जब चीफ जस्टिस ने अपने कार्यकाल की शुरुआत बापू को इस प्रतिमा के सामने श्रद्धा सुमन अर्पित कर की.

इससे पहले जस्टिस रंजन गोगोई ने शपथ ग्रहण करने के बाद पहली बार राजघाट जाकर बापू की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे. लेकिन पहली बार किसी CJI ने कोर्ट परिसर में बैठे बापू को नमन कर अपने कार्यकाल की शुरुआत की. माल्यार्पण से ठीक पहले समाज की पंक्ति में खड़े अंतिम आदमी तक न्याय पहुंचाने के बापू के सूत्र वाक्य को तरह ही उन्होंने मीडिया के सामने एक बार फिर राष्ट्र और नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि आम नागरिकों की सेवा और उनके लिए काम करने में जुटे रहेंगे. इसके फौरन बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ अपने चेंबर में गए. राष्ट्रध्वज को नमन किया. उस समय उनकी पत्नी भी साथ थीं.

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