scorecardresearch
 

'CAA का NRC के साथ नेक्सस, मुसलमानों को निशाना बनाने की योजना', ओवैसी ने SC में दी याचिका

CAA के मसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी करने की गुहार लगाई है.

Advertisement
X
असदुद्दीन ओवैसी-फाइल फोटो
असदुद्दीन ओवैसी-फाइल फोटो

CAA के मसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी करने की गुहार लगाई है. अपनी याचिका में ओवैसी का कहना है कि NRC के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की योजना बनाई जा रही है. सीएए का एनआरसी के साथ अपवित्र संबंध है. सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को CAA के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.

Advertisement

CAA के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक की मांग करते हुए दाखिल की गई याचिका मे असदुद्दीन औवेसी का कहना है कि CAA और NRC का आपस में जुड़ाव खतरनाक है. इसके जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की योजना बनाई जा रही है. याचिका में कहा गया है कि CAA का मकसद केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने वाले प्रावधानों में से एक नहीं है बल्कि यह बहुत स्पष्ट रूप से किसी अल्पसंख्यक समुदाय को अलग- थलग करने और नागरिकता से इनकार कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करना है!

हिमंत बिस्वा सरमा पर ओवैसी का हमला
ओवैसी ने CAA को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा कहते हैं कि राज्य में हुए एनआरसी में लिस्टेड 12 लाख हिंदुओं को CAA के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी, लेकिन 1.5 लाख मुसलमानों का क्या? लोग कह रहे हैं तुरंत कुछ भी नहीं होने वाला है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चीजों को सामने आने में वक्त लगता है. ओवैसी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने मेरा नाम लिया जब उन्होंने कहा कि एनपीआर और एनआरसी भी लागू किया जाएगा. सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले लोगों को नागरिकता दे लेकिन धर्म के आधार पर नहीं.

Advertisement

बता दें कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके साथ ही अब नागरिकता संशोधन कानून देशभर में लागू हो गया है. लेकिन राज्यों में इस कानून को लागू करने को लेकर विवाद बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल और केरल जैसे कई राज्यों का कहना है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस कानून को लागू नहीं करेंगे.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जारी बयान में कहा कि चुनावों से पहले सीएए के प्रावधानों को अधिसूचित करने का केंद्र का ये कदम देश में अशांति लाना है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले सीएए का नोटिफिकेशन जारी किया है.

क्या कहता है संविधान?
लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने इंडिया टुडे को बताया कि राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है, उन्हें संसद की ओर से पारित कानून को लागू करना होगा. जहां तक राज्यों की शिकायतों का सवाल है, वे हमेशा सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं. अगर उन्हें लगता है कि उनके नागरिक अधिकारों का हनन हो रहा है तो वे कोर्ट जा सकते हैं. संविधान के अनुसार भारत के राज्य CAA को लागू करने से इनकार नहीं कर सकते, क्योंकि नागरिकता संघ सूची के तहत आती है ना कि राज्य सूची के. संविधान के आर्टिकल 246 में संसद और राज्य विधानसभाओं के बीच विधायी शक्तियों को वर्गीकृत किया गया है.

Live TV

Advertisement
Advertisement