ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर काउंटर अटैक किया है. ओवैसी ने कहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत जनसंख्या पर बोलते हैं लेकिन वे बेरोजगारी पर क्यों नहीं बोलते हैं? वे रोजगार की बात क्यों नहीं करते हैं? उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी एक ज्वलंत मुद्दा है. इसके अलावा ओवैसी ने संघ प्रमुख को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें संविधान पढ़ने की जरूरत है.
ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने युवाओं के लिए रोजगार पर ध्यान क्यों नहीं दिया? उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि भारत में एक समुदाय के खिलाफ नफरत का भाव क्यों है? ओवैसी ने कहा कि भारत सभी धर्मों को मानता है, ये भारत की खूबसूरती है. उन्होंने कहा कि भागवत ये चाहते हैं कि भारत का एक धर्म हो जाए. लेकिन ये नहीं हो सकता. भारत में कई धर्मों के लोग पहले से एक साथ रहते आए हैं.
ओवैसी ने पूछा- कन्वर्जन से भागवत क्यों डर रहे हैं?
ओवैसी ने कहा कि क्या आप साउथ की मान्यता और प्रथाओं को नॉर्थ भारत में जबरन लागू कर सकते हैं क्या? ऐसा नहीं हो सकता है. ओवैसी ने कहा कि भागवत कन्वर्जन से क्यों डर रहे हैं. कन्वर्जन तो भारत के संविधान में एक फंडामेंटल राइट है. अगर कोई अपना मजहब चेंज कर रहा है तो उससे आपको (भागवत) क्या तकलीफ हो रही है. कोई भगवान को मानता है, कोई नहीं मानता है, यही तो भारत की खूबसूरती है.
हिंदुत्व और भारतीयता में काफी फर्क है: ओवैसी
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि हिंदुत्व और भारतीयता में काफी फर्क है. ओवैसी ने कहा कि अगर कोई अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो फिर कोई कौन होता है, किसी को रोकने वाला. जनसंख्या नियंत्रण वाले भागवत के बयान पर पूछे गए सवाल पर ओवैसी ने कहा कि उन्हें संविधान पढ़ना चाहिए. भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. संविधान में कहा गया है कि जो कमजोर होगा, उसे ताकतवर बनाओ. संविधान को ये समझना नहीं चाहते हैं.