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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है. वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के मामले कोर्ट में हैं. कुतुब मीनार का मसला भी रह-रहकर चर्चा में आ जा रहा. आगरा के ताजमहल में बंद 22 बंद कमरों को खुलवाने की याचिका भी हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी जो खारिज भी हो गई थी. इन सबकी वजह से बातें इतिहास की भी हो रही हैं और केंद्र में है मुगल काल.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मामले को औरंगजेब से जोड़ने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने ये भी कहा था कि बात निकली है तो दूर तक जाएगी. अब ओवैसी ने इतिहास और मुगलकाल को लेकर फेसबुक पोस्ट किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भारत के मुसलमानों का मुगलों से कोई रिश्ता नहीं है.
अपने फेसबुक पोस्ट में असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल भी उठाया है. असदुद्दीन ओवैसी ने ये सवाल किया है कि मुगलों से भारत के मुसलमानों का कोई रिश्ता नहीं है लेकिन ये बताओ कि मुगल बादशाहों की बीवियां कौन थीं. असदुद्दीन ओवैसी ने इससे पहले गुजरात के सूरत में एक रैली को संबोधित करते हुए ये भी कहा था कि बीजेपी पुष्यमित्र की ओर से तोड़े गए बौद्ध मंदिरों की बात क्यों नहीं करती.
वहीं इसी बीच अकबरुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद का दौरा किया था. अकबरुद्दीन ओवैसी औरंगाबाद में औरंगजेब के मकबरे पर भी गए थे. औरंगजेब के मकबरे पर पहुंचकर ओवैसी ने चादर और फूल चढ़ाए थे. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अकबरुद्दीन और उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
बीजेपी नेता राम कदम ने उद्धव सरकार से अकबरुद्दीन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की थी. राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार को लोगों की आवाज दबाने और उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाने का शौकीन बताया था. राम कदम ने उद्धव सरकार को चुनौती दी थी कि अगर वे इतने साहसी हैं तो अकबरुद्दीन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाएं.