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ओवैसी ने किया आधार से वोटर कार्ड जोड़ने का विरोध, बताया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आधार से वोटर कार्ड (aadhar voter id card) को जोड़ने के लिए लाए गए बिल का विरोध किया है. उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बताया है.

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असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आधार से वोटर कार्ड को जोड़ने के लिए सरकार लाई बिल
  • असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में दिया पत्र, किया विरोध

केंद्र सरकार ने लोगों के आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को जोड़ने का प्लान बनाया है, जिसपर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आपत्ति दर्ज कराई है. ओवैसी ने इसे नागरिकों की सुरक्षा और निजता से जोड़ा है. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में नोटिस देकर नए इलेक्शन लॉ (संशोधन) बिल 2021 का विरोध किया है. बता दें कि यह बिल आज लोकसभा में पेश होना है.

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New Election Laws (Amendment), Bill 2021 के मुताबिक, इसमें वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी है. कहा जा रहा है कि इससे दो वोटर आईडी कार्ड रखने जैसे फर्जीवाड़े नहीं हो सकेंगे.

ओवैसी बोले - इससे सुरक्षा और निजता को खतरा

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने पत्र में लिखा है कि आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को जोड़ने से कई नुकसान हैं, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा और निजता को खतरा है. आगे दावा किया गया है कि इससे सरकारों को जनता को दबाने, मताधिकार से वंचित करने और भेदभाव करने के अधिकार मिल जाएंगे. यह भी दावा किया गया है कि इससे सीक्रेट बैलेट, फ्री और फेयर इलेक्शन में बाधा पैदा होगी.

ओवैसी ने इस बिल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बताया है. उन्होंने लिखा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले (पुत्तस्वामी बनाम भारत संघ) का उल्लंघन करता है. लिखा गया है कि ऐसा करना निजता के मौलिक अधिकार को जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने परिभाषित किया है, उसका उल्लंघन है.

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क्या है चुनाव सुधार का नया बिल? 

इस बिल में फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में दोहराव को रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान है. इसके साथ ही वोटर लिस्ट में भी साल में 4 बार नाम दर्ज करवाने का प्रावधान है. इस बिल में सर्विस वोटर्स के लिए चुनावी कानून को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाया जाएगा. इससे महिला कर्मचारियों के पति भी सर्विस वोटर में शामिल हो जाएंगे. अभी तक ऐसा नहीं था. मसलन, पुरुष फौजी की पत्नी सर्विस वोटर के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती थी, लेकिन महिला फौजी का पति ऐसा नहीं कर सकता था.

बता दें कि कैबिनेट की ओर से इसे मंजूरी मिल चुकी है. इस बिल के कानून बनने के बाद चुनाव आयोग को किसी भी जगह को चुनाव के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार भी मिल जाएगा. अभी अगर आयोग किसी चुनाव के लिए स्कूल वगैरह का इस्तेमाल करता था, तो कई आपत्तियां होती थीं.

 

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