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'अर्थव्यवस्था अच्छी है तो मिग-21 उड़ाने के लिए क्यों मजबूर?' ओवैसी का सरकार से सवाल

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया और सरकार से पूछा- ये अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है तो हमारी नौसेना को 200 जहाजों की बजाय बमुश्किल 130 जहाजों तक सीमित करने के लिए क्यों मजबूर किया गया है? नौसेना को तीसरा विमानवाहक पोत क्यों नहीं दिया जा रहा है?

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AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार से सवाल किए हैं.
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार से सवाल किए हैं.

लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है तो सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) क्यों तय नहीं की और हमारे सैनिकों की बकाया राशि क्यों नहीं दी. OROP पेंशन किसी भी हाल में 2019 में तय होनी थी. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने जून तक देने का आदेश दिया था, उसके बावजूद लाभ नहीं मिल पाया.

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ओवैसी ने आगे कहा कि अगर अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है तो हमारी वायु सेना के पास लड़ाकू जेट 42 की बजाय सिर्फ 30 स्क्वाड्रन क्यों हैं? क्या यही कारण नहीं है कि आप हमारे बहादुर पायलटों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने के बजाय उन्हें मिग 21 उड़ाने के लिए मजबूर कर रहे हैं?

ओवैसी ने एक और ट्वीट में लिखा- ये अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है, हमारी नौसेना को 200 जहाजों की बजाय बमुश्किल 130 जहाजों तक सीमित करने के लिए क्यों मजबूर किया गया है? नौसेना को तीसरा विमानवाहक पोत क्यों नहीं दिया जा रहा है जो सरकार से पूछ रहा है कि क्या अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है?

ओवैसी बोले- अगर अर्थव्यवस्था इतना अच्छा कर रही है तो हमारी सेना में अब 1.2 लाख सैनिकों की कमी क्यों है? क्या इसलिए नहीं कि आपके खजाने खाली होने के कारण सैनिकों की भर्ती के लिए शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रेक्ट स्कीम (अग्निवीर) शुरू की गई है? इसने हमारे बहादुर सैनिकों को पछाड़ दिया है.

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बता दें कि सोमवार को लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया है कि भारत पर मंदी का कोई असर नहीं पड़ा है. ना ही भारत की तुलना बांग्लादेश-पाकिस्तान से की जा सकती है. उन्होंने कहा कि भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार समुचित है.  इसके साथ ये भी कहा कि भारत के मंदी की चपेट में आने की बातें भी पूरी तरह गलत हैं. तमाम ग्लोबली चिंताओं के बीच वैश्विक एजेंसियां कह रही हैं कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.


 

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