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ताबीज देने का काम RSS और बीजेपी 2014 से कर रहे हैं, गाजियाबाद की घटना पर बोले ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ट्विटर का कोई धर्म नहीं होता. लेकिन ये सरकार चाहती है ट्विटर पर गेरुआ रंग चढ़े और वह इसे अपनी जेब में रख सके. बीजेपी चाहती है कि मोदी सरकार के खिलाफ कोई ट्वीट न आए. 

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असदुद्दीन ओवैसी (फोटो- PTI)
असदुद्दीन ओवैसी (फोटो- PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गाजियाबाद की घटना पर ओवैसी का सरकार पर निशाना
  • ओवैसी बोले- सरकार विरोध को रोकना चाहती है

यूपी के गाजियाबाद के लोनी इलाके में बुजुर्ग मुस्लिम से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद सियासत गरमा गई है. एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 'आजतक' से कहा कि पीड़ित बुजुर्ग के बेटे ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने उसे नजरअंदाज किया. उन्होंने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ताबीज देने का काम संघ और बीजेपी 2014 से कर रहे हैं. 

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गाजियाबाद की घटना पर पुलिस के दावे पर सवाल उठाते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और संघ परिवार लोगों को ताबीज बांट रही है कि जो मन में आए वो करो. ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बुजुर्ग की पिटाई के मामले में जो FIR हुई है, उसमें सारे नाम मुसलमानों के हैं. 

ओवैसी ने यह भी कहा कि पीड़ित बुजुर्ग के बेटे ने कहा है कि उसके पिता कोई ताबीज नहीं देते हैं. वो पेशे से कारपेंटर हैं. ओवैसी ने बुजुर्ग के बेटे के हवाले से कहा कि उसके पिता को 'जय श्री राम' के नारे को नहीं लगाने के लिए ही मारा गया. ओवैसी ने कहा कि सरकार जो 2014 से हो रहा है उसे नज़रअंदाज़ क्यों कर रही है? यह हेट क्राइम है. 

ट्विटर के सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ट्विटर का कोई धर्म नहीं होता. लेकिन ये सरकार चाहती है ट्विटर पर गेरुआ रंग चढ़े और वह इसे अपनी जेब में रख सके. बीजेपी चाहती है कि मोदी सरकार के खिलाफ कोई ट्वीट न आए.

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AIMIM चीफ ने नए आईटी नियम पर कहा कि ये संविधान के खिलाफ हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि BJP टूलकिट मामले पर अब तक क्यों कुछ नहीं हुआ? सरकार विरोध को रोकना चाहती है. 

ओवैसी ने इससे पहले घटना का वीडियो पोस्ट करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा कि ये लोग बार-बार मुसलमानों की दाढ़ी को निशाना बनाते हैं. 

हालांकि, इस घटना के वीडियो पर सिसायत शुरू हो जाने के बाद पुलिस एक्शन में आई. जांच में पता चला कि बर्बरता का ये वीडियो 5 जून का है. बुलंदशहर के रहने वाले बुजुर्ग अब्दुल समद गाजियाबाद के लोनी आए थे. तभी समद के साथ परवेज गुर्जर और उसके साथियों ने जमकर मारपीट की. कहा गया कि सूफी अब्दुल समद ताबीज बनाने और बेचने का काम करते हैं. पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय के हैं.  

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