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सिर्फ AIMIM ने क्यों किया लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक का विरोध? ओवैसी ने बताया कारण

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ही ऐसे दो सदस्य थे, जिन्होंने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान किया. ओवैसी ने बताया कि उन्होंने उस बिल के खिलाफ वोट क्यों दिया, जिसका अन्य सभी दलों के सांसदों ने समर्थन किया.

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AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील. (सोर्स- एक्स)
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील. (सोर्स- एक्स)

ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' बुधवार को लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हो गया है. विधेयक के पक्ष में रिकॉर्ड 454 वोट पड़े. जबकि बिल के विरोध में सिर्फ 2 मत पड़े. इस बिल का विरोध AIMIM के दोनों सांसदों ने किया. पार्टी प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ वोट किया. बाद में ओवैसी ने यह भी बताया कि उन्होंने और उनके पार्टी सांसद ने लोकसभा में महिला कोटा बिल का विरोध क्यों किया?

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, वे ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को रिजर्वेशन में शामिल करने के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, भारत में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन लोकसभा में इनका प्रतिनिधित्व 22 फीसदी है. भारत में मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 फीसदी है, जबकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 0.7 फीसदी है. तो क्या आप उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देंगे?

'मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को आरक्षण कब मिलेगा?'

इससे पहले ओवैसी ने आज महिला आरक्षण विधेयक का विरोध किया और कहा, यह सिर्फ सवर्ण महिलाओं (उच्च जाति) को आरक्षण प्रदान करेगा. ओवैसी का कहना था कि इस विधेयक के पीछे का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना है. उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम महिलाएं हैं, जिनका प्रतिनिधित्व कम है तो क्या आप उन्हें आरक्षण नहीं देंगे? 

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'हक की लड़ाई लड़ रहे हैं'

उन्होंने संसद के बाहर कहा, क्या आप उन लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं देंगे जिनके लिए आप कानून ला रहे हैं? हमने इसके खिलाफ वोट दिया, ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे हैं. बता दें कि महिला कोटा विधेयक महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करता है.

'अब तक सिर्फ 25 मुस्लिम महिलाएं चुनकर संसद आईं'

इससे पहले ओवैसी ने कहा, मोदी सरकार सवर्ण महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. वे ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं. लोकसभा में अब तक कुल 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से सिर्फ 25 ही मुस्लिम समुदाय से आई हैं.

'दोहरे भेदभाव का शिकार हैं मुस्लिम महिलाएं'

ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दोहरे भेदभाव का सामना करना पड़ता है. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को उनकी हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाया. बताते चलें कि इस विधेयक को अब गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. विपक्ष ने अन्य पिछड़ा वर्ग को भी इसी तरह का लाभ देने और अगले साल चुनाव से पहले इस विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग उठाई है.

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लोकसभा में चली 8 घंटे जोरदार बहस

इससे पहले बुधवार को लोकसभा में आठ घंटे की जोरदार बहस के बाद संविधान (128वां संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया. चर्चा में 60 सदस्यों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधेयक पर मतदान के दौरान उपस्थित थे. नए संसद भवन में पारित होने वाला ये पहला विधेयक था. 

'आरक्षण लागू करने में देरी करना घोर अन्याय होगा'

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रस्तावित कानून के दायरे में ओबीसी महिलाओं को लाने की जोरदार वकालत की. उन्होंने कहा, आरक्षण को लागू करने में कोई भी देरी महिलाओं के लिए घोर अन्याय होगी. बहस में हस्तक्षेप करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्तावित कानून के कार्यान्वयन में देरी की आशंकाओं को खारिज कर दिया और कहा, अगली सरकार चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन करेगी, जिससे महिला आरक्षण को लेकर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. शाह ने संकेत दिया कि 2029 के बाद महिला आरक्षण हकीकत बन जाएगा.

'आगामी चुनाव तक लागू नहीं हो पाएगा कानून'

शाह ने कहा, सोशल मीडिया पर एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि इस बिल का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसे आगामी चुनावों में लागू नहीं किया जाएगा. यदि आप बिल का समर्थन नहीं करते हैं तो क्या आरक्षण जल्दी लागू किया जाएगा? तब भी इसे 2029 के बाद ही लागू किया जाएगा. विधेयक का समर्थन करें. कम से कम श्री गणेश तो कीजिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इस अभूतपूर्व समर्थन से विधेयक के पारित होने से खुश हैं.

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'PM मोदी ने विधेयक पारित होने पर खुशी जताई'

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा, मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा.

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