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आसाराम के आश्रमों की 'काली करतूतों' की कहानी... कभी अधजले शव मिले, कभी रेप हुआ

आसाराम के गोंडा स्थित आश्रम में एक कार में एक बच्ची का शव बरामद हुआ है. जिस बच्ची का शव मिला है, वो 5 अप्रैल को लापता हो गई थी. मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से आसाराम के आश्रम चर्चा में आ गए हैं.

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आसाराम जोधपुर की जेल में बलात्कार के मामले में सजा काट रहा है. (फाइल फोटो)
आसाराम जोधपुर की जेल में बलात्कार के मामले में सजा काट रहा है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मोटेरा आश्रम में मिली थी दो बच्चों की लाश
  • जोधपुर आश्रम में नाबालिग से हुआ था रेप
  • गोंडा के आश्रम में कार में मिला बच्ची का शव

17 अप्रैल 1941 को मौजूदा पाकिस्तान के सिंध इलाके के बेरानी गांव में आसुमल थाउमल हरपलानी का जन्म हुआ. बंटवारे के बाद उनका परिवार गुजरात के अहमदाबाद में आकर बस गया. 60 के दशक में आसुमल ने लीलाशाह को अपना आध्यात्मिक गुरु बनाया. लीलाशाह ने ही आसुमल का नाम आसाराम रखा. अब दुनिया आसुमल को आसाराम के नाम से ही जानती है. उनके भक्त उन्हें आसाराम बापू कहकर बुलाते हैं. 

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आसाराम बापू दुष्कर्म के मामले में जोधपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. 8-9 साल से जेल में रहने के बाद भी आसाराम अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. अब एक बार फिर आसाराम चर्चा में आ गए हैं. हमेशा की तरह इस बार भी उनके चर्चा में आने का कारण उनका एक 'आश्रम' ही बना है. 

इस बार आसाराम के यूपी के गोंडा स्थित आश्रम से एक बच्ची का शव बरामद हुआ है. ये शव आश्रम में ऑल्टो कार में रखा था. बच्ची की उम्र 13-14 साल बताई जा रही है. जिस बच्ची का शव कार से बरामद हुआ है, वो बच्ची 5 अप्रैल से लापता थी. कार से जब बदबू आनी शुरू हुई, तब पता चला कि इसमें शव है. शव मिलने के बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम की आश्रम और गाड़ी की जांच में जुट गई है. 

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ये पहली बार नहीं है, जब आसाराम बापू का आश्रम चर्चा में आया है. 5 महीने पहले ही आसाराम के अहमबादा के साबरमती स्थित आश्रम से एक 27 साल का युवक गायब हो गया था. युवक के माता-पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. 

आसाराम की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, दुनियाभर में उसके 400 से ज्यादा आश्रम हैं और 40 से ज्यादा गुरुकुल हैं. आसाराम कभी दुनिया के लिए संत हुआ करता था, लेकिन आज उसके ऊपर 'बलात्कारी' का ठप्पा लग चुका है. उसका दोष भी साबित हो गया है और जेल में बंद है. आसाराम के साथ उसका बेटा नारायण साईं भी खुद को संत बताता था, लेकिन वो भी बलात्कार के मामले में सजा काट रहा है. दोनों ने कई बार जेल से निकलने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली. 

आसाराम 2013 से जेल में बंद है. (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें-- तांगावाले से आसाराम 'बापू' बनने तक की कहानी, ऐसे ढहा काला साम्राज्य

कभी दो बच्चों के अधजले शव मिले थे

आसाराम को भारत में जमकर लोकप्रियता मिली. उसके आश्रम में मत्था टेकने वालों में बड़े-बड़े राजनेताओं का नाम शामिल था. आसाराम का पतन तब शुरू हुआ जब 2008 में उसके आश्रम से दो बच्चों के अधजले शव मिले. 

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हुआ ये था कि 5 जुलाई 2008 को गुजरात के मोटेरा आश्रम के बाहर साबरमती नदी के सूखे तल में 10 साल के अभिषेक वाघेला और 11 साल के दीपेश वाघेला के अधजले शव बरामद हुए. दोनों चचेरे भाई थे. परिजनों का आरोप था कि दोनों का दाखिला आसाराम के 'गुरुकुल' में कराया था. आरोप लगा कि तंत्र-मंत्र के लिए बच्चों की बलि दी गई थी. 

विवाद बढ़ा तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जांच आयोग का गठन किया. आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. कुछ गिरफ्तारियां भी हुई थीं, जिन्हें बाद में हत्या का दोषी पाया गया. उस मामले में आसाराम बापू पर कोई आंच तो नहीं आई, लेकिन यहां से उनका पतन शुरू हो गया.

फिर लगा बलात्कार का आरोप

अगस्त 2013 में आसाराम की भद्द उस समय बुरी तरह पिट गई, जब उनपर एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा. जिस लड़की के साथ बलात्कार हुआ, उसके माता-पिता आसाराम के अनन्य भक्त थे. उनकी बेटी छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी. एक दिन उसके माता-पिता को फोन गया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है. बाद में कहा कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं.

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बच्ची को लेकर उसके माता-पिता आसाराम के जोधपुर में स्थित आश्रम पहुंचे. आरोप लगाया गया कि 16 साल की लड़की को आसाराम ने अपनी कुटिया में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया. 15 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया गया. 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया गया. 

ये मामला सामने आने के बाद उसी साल अक्टूबर में सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बलात्कार का आरोप लगाया. बहनों का आरोप था कि आसाराम और नारायण साईं ने 2002 से 2004 के बीच साबरमती आश्रम में उनके साथ दुष्कर्म किया. बड़ी बहन के साथ आसाराम तो छोटी बहन के साथ नारायण साईं पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा. आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती पर भी षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज हुआ. 

25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की अदालत ने आसाराम को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं, नारायण साईं को सूरत सेशन कोर्ट ने बलात्कार के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. आसाराम और नारायण साईं ने कई बार अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी, लेकिन हर बार उसे खारिज कर दिया गया.

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आसाराम और नारायण साईं दोनों पर दुष्कर्म का दोष साबित हो चुका है. (फाइल फोटो)

 

आश्रम की काली करतूतों की कहानी

1986 में मोटेरा आश्रम में आसाराम के अनुयायियों में शामिल हुईं सुधा पटेल ने 2013 में इंडिया टुडे मैग्जीन को आश्रम की 'काली करतूतों' की कहानी बताई थी. उन्होंने बताया था कि आश्रम में दो युवा महिलाओं के कोडनेम रखे गए थे. एक का नाम था 'हेडल' और दूसरी का 'बंगला' था. गुजराती में हेडल का मतलब मोरनी होता है.

सुधा पटेल ने उस समय बताया था कि इन दोनों महिलाओं का काम सम्मेलनों में आने वाली युवा लड़कियों पर ध्यान देना था. सुधा के मुताबिक, आसाराम को जो लड़की पसंद आती थी, उसके ऊपर वो फल या कैंडी फेंक देते थे. इसका मतलब होता था कि लड़की को राजी किया जाए. आसाराम की साधिकाएं लड़की के परिजनों को बहलाती थीं कि उनकी बेटी बहुत भाग्यशाली है. 

सुधा ने बताया था कि ऐसा शायद ही कभी होता था कि लड़की विरोध करे. उल्टा ज्यादातर लड़कियां और उनके परिवार वाले तो यही मानते थे कि उनके ऊपर भगवान की विशेष कृपा हुई है. इतना ही नहीं, कभी-कभी तो लड़कियां इस बात पर भी बहस करती थीं कि आज कौन आसाराम की कुटिया में कौन जाएगा. 

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तांगेवाले से संत तक का सफर

कहा जाता है कि आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम कभी तांगा चलाता था. उसने कभी सड़क किनारे चाय बेचने का धंधा भी किया था और कभी शराब के धंधे में हाथ आजमाया था. 

आसाराम की वेबसाइट के मुताबिक, ईश्वर प्राप्ति के लिए वो लीलाशाह महाराज के पास गए. लीलाशाह महाराज ने उन्हें साधना सिखाई. 7 अक्टूबर 1964 को आसाराम को आत्म साक्षात्कार हुआ और वो आसुमल से आसाराम बन गया. लेकिन ऐसा भी कहा जाता है कि आसाराम के अंदर भगवान बनने की इच्छा थी. 

1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से 10 किलोमीटर दूर मोटेरा कस्बे में अपना पहला आश्रम शुरू किया. धीरे-धीरे आसाराम लोगों का बापू बन गया. ऐसा दावा किया जाता है कि दुनियाभर में उसके 1 से 3 करोड़ भक्त हैं.

 

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